रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने बुधवार (24 जुलाई) को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (Ballistic Missile Defence System) के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण (Testing) किया। ओडिशा (Odisha) के चांदीपुर परीक्षण रेंज (Chandipur ) से शाम करीब 4 बजे इस सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान सिस्टम ने सभी उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा किया।
परीक्षण के दौरान, सिस्टम ने 5000 किलोमीटर रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव करने की देश की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन किया है। विभिन्न स्थानों पर तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा एकत्र किए गए उड़ान डेटा से मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी की गई।
Phase II Ballistic Missile Defence System successfully flight tested today, meeting all the trial objectives validating complete network centric warfare weapon system consisting of LR sensors, low latency communication system & Advance Interceptor missiles pic.twitter.com/NarnAtzose
— DRDO (@DRDO_India) July 24, 2024
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यह स्वदेशी रूप से विकसित दो-चरणीय ठोस प्रणोदक जमीन से प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य बाहरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई वाले ब्रैकेट में दुश्मन की कई तरह की बैलिस्टिक मिसाइलों को बेअसर करना है। मिसाइल प्रणाली में विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकें शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ की तारीफ की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण ने एक बार फिर भारत की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमता को प्रदर्शित किया है। मंत्रालय ने कहा, ‘डीआरडीओ ने 24 जुलाई को बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया।’
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ की पूरी टीम को उनके अथक प्रयासों और योगदान के लिए बधाई दी।
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