Delhi High Court ने कथित शराब घोटाले में भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में बंद रहने तक एक सप्ताह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त कानूनी बैठकें करने की अनुमति दी है।
अपनी कानूनी टीम के साथ अधिक समय बिताने की अनुमति मांगने वाली सीएम केजरीवाल की याचिका को स्वीकार करते हुए, न्यायालय ने कहा कि अतिरिक्त बैठकों के उनके अनुरोध को अनुचित नहीं कहा जा सकता है।
अभियोजन पक्ष की दलील खारिज
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि जेल नीति के तहत अन्य कैदियों के लिए उपलब्ध नहीं होने के कारण जेल में बंद मुख्यमंत्री को कोई विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
कोर्ट ने की टिप्पणी
न्यायमूर्ति ने कहा कि इस विरोध का कोई औचित्य नहीं है कि याचिकाकर्ता को अन्य जेल कैदियों के समान कोई विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि यह कोई विशेष अनुग्रह मांगने की स्थिति नहीं है, जैसा कि राज्य की ओर से तर्क दिया गया है, बल्कि यह एक मौलिक अधिकार है, जिसे लागू करने की मांग की गई है।
अपने विस्तृत फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सह-आरोपी संजय सिंह को भी अतिरिक्त कानूनी मुलाकातों की इसी तरह की राहत दी गई है।
अर्जी में मांगी गई थी अनुमति
इससे पहले 10 अप्रैल को दिल्ली की एक अदालत ने केजरीवाल की मुलाकातों की संख्या बढ़ाकर पांच प्रति सप्ताह करने की याचिका खारिज कर दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि सीएम केजरीवाल अपने वकील के साथ प्रति सप्ताह दो कानूनी मुलाकातों का उपयोग केवल अपने लंबित मुकदमों पर चर्चा करने के लिए नहीं कर रहे हैं और इसके बजाय आवंटित समय का उपयोग कानूनी मुलाकातों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। अपनी अर्जी में आप सुप्रीमो ने दावा किया था कि अदालत द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार उनके वकील के साथ दो साप्ताहिक मुलाकातें अपर्याप्त हैं क्योंकि उन्हें विभिन्न राज्यों में कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें परामर्श के लिए अधिक समय की आवश्यकता है।