UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) का बेहद अहम मानसून सत्र (Monsoon session) आज (29 जुलाई) से शुरू होगा। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद यह राज्य विधानसभा का पहला सत्र होगा। लोकसभा में शानदार प्रदर्शन के बाद विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) इस सत्र में खासी आक्रामक रहेगी।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानसभा का अगला सत्र 29 जुलाई से बुलाया है। बयान में कहा गया है, “राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अठारहवीं विधानसभा को वर्ष 2024 के दूसरे सत्र के लिए सोमवार, 29 जुलाई, 2024 को सुबह 11 बजे विधान भवन, लखनऊ स्थित विधान सभा मंडप में बैठक के लिए बुलाया है।”
विधानसभा का सत्र शुरू
29 जुलाई (सोमवार) से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को अपने विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक बुलाई है। उम्मीद है कि इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव विपक्ष के नेता की घोषणा कर सकते हैं। तूफानी सरोज, इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर और संग्राम सिंह यादव जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है। 28 जुलाई (रविवार) को बैठक में पहुंचे इंद्रजीत सरोज ने कहा कि वह विपक्ष के नेता की दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “आज बड़ी बैठक है और कल विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज सभी विधानमंडल सदस्यों को बुलाया है। पार्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला करेंगे और हम उसी के अनुसार काम करेंगे। मैं विपक्ष के नेता की दौड़ में नहीं हूं। मैं समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए यहां हूं और पार्टी को मजबूत करने के लिए मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे पूरा करूंगा।”
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भाजपा सरकार की आलोचना
संग्राम सिंह यादव ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी इस देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, व्यापारी और पिछड़ा वर्ग इस भ्रष्ट और निकम्मी सरकार के खिलाफ है। यह सरकार पुलिस की भर्ती, युवाओं को रोजगार देने और यहां तक कि बिजली संयंत्रों को बनाए रखने में विफल रही है। पिछले 15-20 दिनों से प्रदेश ट्रांसफार्मर की समस्या से जूझ रहा है। कल सरकार ने नीति आयोग की बैठक में 2047 तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात कही, लेकिन नीति आयोग ने सिर्फ इतना कहा कि जब तक गांव की अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी और स्मार्ट गांव नहीं बनेंगे, तब तक देश मजबूत नहीं हो सकता। सरकार असली मुद्दों से बचने की कोशिश कर रही है।”
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विपक्ष के नेता पर टिप्पणी
सपा के एक अन्य नेता कमाल अख्तर ने विपक्ष के नेता पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह एक महत्वपूर्ण सवाल है और एक महत्वपूर्ण चुनाव है। इस पद के लिए सबसे वरिष्ठ या अत्यधिक अनुभवी व्यक्ति को चुना जाता है। सपा प्रमुख जिसे भी चुनेंगे, सभी उसका अनुसरण करेंगे। कल विधानसभा में हम उत्तर प्रदेश में बाढ़, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। हम शिक्षा सहायकों, बेरोजगारों और शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय को संबोधित करेंगे। ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो इस भाजपा सरकार के तहत अन्याय का सामना न कर रहा हो। हम इन सभी मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे।”
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