सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार (29 जुलाई) को बिहार (Bihar) में पुल ढहने (Bridge Collapse) की घटनाओं को लेकर दायर याचिका (Petition Filed) पर सुनवाई (Hearing) की। सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार और केंद्र सरकार (Central Government) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को ऑडिट कराने को भी कहा गया है। इसमें बनने वाले पुलों को भी रखा जाएगा। 4 जुलाई को एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
इसमें राज्य में मौजूदा और हाल ही में बने सरकारी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है। बिहार में बारिश शुरू होते ही 17 दिनों में 11 छोटे-बड़े पुल गिर गए हैं। याचिका में पिछले दो साल में 12 पुल गिरने की बात कही गई थी।
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बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य
याचिका में कहा गया है कि बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है। यहां का 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 प्रतिशत भूभाग बाढ़ से प्रभावित है। बिहार में सभी बड़े-छोटे पुलों के ढहने की घटना की जांच कराने की मांग सर्वोच्च न्यायालय से की गई है।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय की ओर से सुनवाई की कोई तारीख घोषित नहीं की गई है। लेकिन, माना जा रहा है कि जल्द ही जनहित याचिका पर सुनवाई होगी।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में दो बड़े पुल और कई छोटे पुल निर्माण के दौरान या उसके तुरंत बाद ढह गए या बह गए।
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