Swati Maliwal assault case: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को लगाई फटकार, जानें न्यायलय ने क्या कहा

कोर्ट ने कहा कि कुमार ने "किसी गुंडे" की तरह व्यवहार किया और "अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बाद भी उन पर हमला किया।"

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Swati Maliwal assault case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1 आगस्त (गुरुवार) को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सहयोगी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) से पूछताछ की, जो राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha member) स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) पर हमला करने के आरोपी हैं। कोर्ट ने कहा कि कुमार ने “किसी गुंडे” की तरह व्यवहार किया और “अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बाद भी उन पर हमला किया।”

सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार के वकील से पूछा, “हम हैरान हैं? क्या एक युवा महिला से निपटने का यह तरीका है? क्या सीएम आवास निजी बंगला है? क्या इस तरह के ‘गुंडे’ को सीएम आवास में काम करना चाहिए।”

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विभव कुमार के खिलाफ मालीवाल पर कथित हमला
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ”उन्होंने (विभव कुमार ने) अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताने के बाद भी उन पर हमला किया।” यह टिप्पणी मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार के खिलाफ मालीवाल पर कथित हमले के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद की गई। शहर पुलिस ने 16 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष ने पहले अदालत को सूचित किया था कि आरोप पत्र लगभग 500 पृष्ठों का है और इसमें लगभग 50 गवाहों के बयान शामिल हैं।

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जानें क्या है धराएं
कुमार पर भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत कई आरोप हैं, जिनमें गलत तरीके से रोकना (धारा 341), महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (धारा 354), महिला को निर्वस्त्र करने के उद्देश्य से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (धारा 354बी), आपराधिक धमकी (धारा 506), महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना (धारा 509), गैर इरादतन हत्या का प्रयास (धारा 308), और सबूतों को नष्ट करना या गलत जानकारी देना (धारा 201) शामिल हैं।

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18 मई को कुमार की गिरफ्तारी
12 जुलाई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में गवाहों को प्रभावित करने की उनकी महत्वपूर्ण शक्ति और क्षमता का हवाला देते हुए कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। मालीवाल द्वारा मारपीट का आरोप लगाने वाली शिकायत के बाद 18 मई को कुमार को गिरफ्तार किया गया, जिसके कारण उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

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