मुंबई। जिंदगी को आसान बनाने के लिए अबतक जितने भी आविष्कार किए गए, उसमें बिजली शायद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसका अहसास तब होता है, जब बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने की कोई घटना घट जाती है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और इसके उपनगरों के अधिकांश इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो जाने के कारण सोमवार को लोग परेशान दिखे। मुंबईकरों को इतने बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने का अनुभव शायद पहली बार हुआ। इसका यहां के जन-जीवन पर व्यापक असर पड़ा। सेंट्रल, वेस्टर्न और हार्बर तीनों रेलवे लाइनों की लोकल ट्रेनों के अचानक जहां-तहां रुक जाने से यात्री बेहाल दिखे और बड़ी संख्या में लोग रेल की पटरियों पर पैदल चलते नजर आए। इसके साथ ही संस्थानों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुए और सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
कोविड अस्पताल और स्टॉक एक्सचेंज प्रभावित नहीं
राहत की बात यह रही कि कोविड अस्पतालों और स्टॉक एक्सचेंज में कामकाज सामान्य रुप से चलता रहा। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर विमानों के संचालन में भी किसी तरह की रुकावट नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना को गंभीरते से लेते हुए राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत से बात की और जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति शुरू करने की दिशा में कदम उठाने की हिदायद दी। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई महानगरपालिका आयुक्त आई एस चहल से भी बात की और अस्पताल जैसे जरुरी स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप होने से किसी तरह की दिक्कत न हो, इस बारे में जरुरी कदम उठाने की सलाह दी। सीएम ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने बताई वजह
ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बताया कि एमएसईटीसीएल 400 केवी कलवा-पडघा जीआईएस सर्किट-1 में मरम्मत का काम चल रहा था। इस दौरान बिजली का लोड सेकेंड यूनिट पर था। इस यूनिट में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण मुंबई और इसके उपनगरों के ज्यादातर इलाकों में बिजली चली गई।
टाटा पावर ने क्या कहा?
टाटा पावर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर एमएसईटीसीएल के कलवा, खारघर में एक साथ सबस्टेशन ट्रिपिंग के चलते मुंबई ट्रांसमिशन सिस्टम में खराबी आ गई। इस वजह से मुंबई के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई।
एक्सपर्ट की राय
पावर ग्रिड के पूर्व चेयरमैन आर पी सिंह का कहना है कि सोमवार को मुंबई में पावर ग्रिड फेल नहीं हुआ बल्कि मुंबई का लोकल ग्रिड फेल हो गया। इसके चलते बिजली सप्लाई बंद हो गई । पावर फेल्योर डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर आने के कारण होता है। अगर बिजली की डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम है तो लोड बढ़ने से ग्रिड फेल हो जाता है। उनका मानना है कि मुंबई जैसे बड़े शहर में सोर्स ऑफ सप्लाई दो होने चाहिए, ताकि अगर एक ग्रिड फेल हो जाए तो दूसरे से बिजली आपूर्ति की जा सके।
जब अंधेरे में डूब गए थे सात प्रदेश
30 जुलाई 2012 को अचानक रात ढाई बजे देश के उत्तरी ग्रिड में खराबी आ गई थी। इस वजह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश,जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में एक साथ बिजली गुल हो गई थी और इससे 36 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।
पांच दिन तक अंधेरे में रहा था पूरा देश
2019 के मार्च में लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला में अचानक बिजली गुल हो गई थी और पूरा देश अंधेरे में डूब गया था। इससे पूरे देश में हाहाकार मच गया था। अस्पतालों में डॉक्टर टॉर्च जलाकर मरीजों का ऑपरेशन करने पर मजबूर थे,क्योंकि इमरजेंसी के लिए जो जेनरेटर और पावर बैंक थे, वो सभी इस्तेमाल होकर खत्म हो गए थे। पांच दिनों तक वेनुजेएला में बिजली आपूर्ति नहीं हो पाई थी और देश भर में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
बिजली गुल होने के कुछ और इतिहास
जून 2019 में लैटिन अमेरिका के उरुग्वे, अर्जेंटीना और पराग्वे में बिजली गुल होने से चार करोड़ लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा था। इसी तरह 2019 के अगस्त में ब्रिटेन में करीब 10 लाख लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा था। अचानक बिजली गुल हो जाने से जिंदगी ठहर-सी गई थी और लोग जहां के तहां फंस ग थे। सड़कों पर ट्रैफिक का बुरा हाल था।