रेल मंत्रालय ने पॉइंट्समैन मयूर शेल्के को 50,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। रेलवे के पॉइंटसमैन शेल्के ने 17 अप्रैल को महाराष्ट्र के उपनगरीय रेलवे स्टेशन वांगणी के प्लेटफॉर्म क्रमांक 2 पर चलते समय ट्रैक पर गिर जाने वाले बच्चे की जान बचाई थी। इस राशि में से आधी शेल्के ने उस बच्चे को दे दिया है।
I'll give half of the amount, given to me as token of appreciation, for that child's welfare & education. I came to know that his family isn't financially strong. So I decided this: Mayur Shelkhe, pointsman who saved a child who fell on tracks at Vangani railway station on 17.04 pic.twitter.com/IWdacY0DFf
— ANI (@ANI) April 22, 2021
बच्चे के लिए देवदूत बन गए थे मयूर
बच्चा प्लेटफॉर्म पर चलते समय संतुलन खो जाने के कारण ट्रैक पर गिर गया था। वह वहां से उठकर प्लेफॉर्म पर चढ़ने की कोशिश कर ही रहा था कि तेजी से एक ट्रेन उसी ट्रैक पर आती दिखी। बच्चे को बचाने के लिए रेलवे प्लेटफॉर्म पर कई लोग दौड़े लेकिन वे बच्चे तक पहुंचने में सफल होते नहीं दिख रहे थे। इसी बीच देवदूत बनकर भारतीय रेलवे का पॉइंटसमैन मयूर शेल्के ट्रैक पर पहुंच गए और उन्होंने बच्चे को जहां प्लेटफॉर्म पर चढ़ाया, वहीं वे खुद भी तेजी से ट्रैक से सुरक्षित बाहर निकल आए। चंद सेकेंड में घटी यह पूरी घटना किसी चमत्कार से कम नहीं थी।
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आधी रकम बच्चे के परिवार को देंगे मयूर
मयूर शेल्के ने रेलवे की इस घोषणा पर खुशी जताई है। उन्होंने बताया कि मुझे ये पुरस्कार मेरे काम की प्रशंसा के रुप में मिलने वाला है। उसने बताया कि बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए मैंने पुरस्कार की आधी रकम उसके परिवार को देने का निर्णय लिया है।