Kedarghati Disaster: भूस्खलन (landslide) और भारी बारिश (heavy rain) के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग (Kedarnath walking route) पर विभिन्न स्थानों पर हजारों यात्री फंस गए थे, जिसमें से 17,000 से अधिक लोगों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू (successful rescue) कर लिया गया है।
4 अगस्त (रविवार) को नैनीताल के घोड़ाखाल पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि केदार घाटी आपदा में अब तक 17 हजार से अधिक लोगों का बचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य के संवेदनशील इलाकों में प्राकृतिक आपदा आ रही है, लेकिन जिला प्रशासन की टीम लगातार राहत और बचाव के कार्य युद्ध स्तर पर कर रही है। उन्हाेंने कहा कि आपदा में फंसे लोगों और प्रभावितों के स्वास्थ्य, भोजन, पानी और अन्य सुविधा दी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
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बीकेटीसी ने निःशुल्क आवास सुविधा की घोषणा की
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अपने सभी विश्राम गृहों में मानसून सीजन में सड़क मार्ग बाधित होने पर तीर्थ यात्रियों को निःशुल्क आवास की सुविधा उपलब्ध कराएगी। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजेय ने कहा कि किसी प्रकार की आपात परिस्थितियों में यात्रियों की हर संभव मदद की जाएगी। बीकेटीसी के केदारनाथ व बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर प्रमुख स्थानों पर विश्राम गृह स्थित हैं, जिनमें यात्रियों को न्यूनतम शुल्क में आवास की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इन विश्राम गृहों की व्यापक स्तर पर मरम्मत कार्य करा कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है।
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केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों को बांटे जा रहे फल
बीकेटीसी अध्यक्ष के निर्देश पर केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों की बीकेटीसी की ओर से हर संभव मदद की जा रही है। संत स्वामी संविदानंद की ओर से सावन मास में बाबा केदार की विशेष पूजा के लिए लाए गए कई क्विंटल फलों को बीकेटीसी यात्रियों को बांट रही है। इसके साथ ही जीएमवीएन के साथ मिल कर भंडारा भी संचालित किया जा रहा है।
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