Varanasi: कृतिवाशेश्वार महादेव मंदिर के मुक्ति के लिए वाद दाखिल, इस तिथि को होगी सुनवाई

वादी संतोष सिंह के अनुसार न्यास सनातनी समाज के हित के लिए संघर्षरत रहेगा। शिव पुराण की श्री रूद्र संहिता, पंचम खंड में गजासुर की तपस्या एवं वध में कृतिवाशेश्वर महादेव मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग का उल्लेख है।

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Varanasi के दारानगर हरतीरथ स्थित कृतिवाशेश्वार महादेव मंदिर की मुक्ति के लिए दाखिल वाद को सिविल जज (जूनियर डिविजन) शहर शुभी अग्रवाल की अदालत ने 6 अगस्त को स्वीकार कर लिया। वाद मूलवाद के रूप में दर्ज रजिस्टर होगा। इस मामले में 06 सितम्बर को सुनवाई होगी। वाद विश्व वैदिक सनातन न्यास ने अपने अधिवक्ता के जरिए पांच अगस्त 2024 को अदालत में दाखिल किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता शिवम गौड़ व आर के सिंह अदालत में वाद पर दलीलें पेश करेंगे।

सनातनी समाज के हित के लिए संघर्षरत
वादी संतोष सिंह के अनुसार न्यास सनातनी समाज के हित के लिए संघर्षरत रहेगा। शिव पुराण की श्री रूद्र संहिता, पंचम खंड में गजासुर की तपस्या एवं वध में कृतिवाशेश्वर महादेव मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग का उल्लेख है।

यह है मान्यता
मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मुसलमान मंदिर परिसर में मौजूद इमारत को आलमगीर मस्जिद बताते हैं और नमाज पढ़ते हैं। इसी विवाद के चलते शिवलिंग के ऊपर छाजन तक नहीं लगाई जा सकी है। मंदिर में 24 घंटे पुलिस के जवान मौजूद रहते हैं। इस परिसर के विवाद का मामला पहले भी अदालत तक गया है।

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मंदिर ध्वस्त कर मस्जिद बनाने का प्रयास
वर्ष 1659 में मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त कर इसके ही अवशेष से आलमगीर मस्जिद बनाने का प्रयास किया था। मंदिर का उल्लेख बनारस गजेटियर में भी है। मंदिर के मलबे में नक्काशीदार पत्थर हैं।

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