Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने केदारघाटी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण, यात्रा करने को लेकर दिया ये निर्देश

6 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत और बचाव कार्यों व पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की।

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Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त मार्गाें, पेयजल और विद्युत लाइनों को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। उन्होंने केदारनाथ पैदलयात्रा मार्ग शीघ्र शुरू करने और हेली सेवा 7 अगस्त से ही शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐलान किया हेलीकॉप्टर यात्रा की टिकटों में 25 फीसदी छूट राज्य सरकार देगी।

 6 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रूद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत और बचाव कार्यों व पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

क्षति की ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए अतिवृष्टि से हुयी क्षति की जानकारी ली। वहीं सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एव तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा को शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिए। उन्होंने केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा को 7 अगस्त से ही शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीसेवा के माध्यम से दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। जिसका वहन राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा।

सुझाव और सहयोग की अपील
उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों से सुझाव और सहयोग की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में सरकार और प्रशासन की ओर से संचालित रेस्क्यू अभियान में कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया।

केंद्र सरकार की प्रशंसा
उन्होंने केन्द्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही चिनूक और एमआई हैलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई। भू-स्खलन से 29 स्थानों पर पैदल और सड़क मार्ग कटा मुख्यमंत्री धामी ने समीक्षा बैठक के पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से भू-स्खलन होने से 29 स्थानों पर पैदल एव सड़क मार्ग कटा है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है।

कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं
कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। रिकॉर्ड समय में 12 हजार श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू: मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन तथा एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों के अलावा पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से रेस्क्यू अभियान के दाैरान फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है।

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ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग अमरदेई शाह, राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा आशा नौटियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज पांडेय, सचिव आपदा प्रबन्धन विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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