Devbhoomi: प्रभावित राज्य उत्तराखंड अब संकट से उबर चुका है। असाधारण रेस्क्यू से 15 हजार यात्रियों की जान बचाई गई है। ये सभी केदार घाटी में फंसे हुए थे। कोई जंगल में बचाव की राह देख रहा था तो कोई पहाड़ पर भूख से तपड़ रहा था। इन सभी के लिए रेस्क्यू टीम देवदूत की भूमिका निभाई।
दरअसल, गत 31 जुलाई को केदार घाटी में आपदा आई थी। इतनी बड़ी आपदा व भारी नुकसान के बावजूद एक सप्ताह से भी कम समय में रेस्क्यू अभियान पूरा हो गया। ऐसे में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्तराखंड पूरे देश में आदर्श राज्य के तौर पर उभरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद रेस्क्यू अभियान की निगरानी की और प्रभावितों को राहत पहुंचाने व रेस्क्यू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। केदारनाथ यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों में रुके 15 हजार से भी अधिक लोगों का पैदल तथा हवाई मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। अब रेस्क्यू अभियान पूर्ण हो चुका है। स्थानीय दुकानदार तथा व्यवसायी यदि कोई नीचे आने चाहते हैं तो उनके लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है।
भू-स्खलन से 29 स्थानों पर सड़क अवरुद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यही प्रयास है कि केदार घाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों। अतिवृष्टि के चलते 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से पैदल एवं सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। पेयजल तथा विद्युत लाइनों सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं बाधित हुई हैं। जहां भी मार्ग क्षत्रिग्रस्त हैं, वहां मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
भारत सरकार से मिला पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 जुलाई को जैसे ही यह घटना घटित हुई, उन्होंने भारत सरकार से यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। भारत सरकार ने बिना देर किए तत्काल चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू अभियान के लिए उपलब्ध करवा दिए। रेस्क्यू अभियान में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया।
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बढ़ाई गई मैनपॉवर, धन की कमी नहीं
केदार घाटी में आपदा से क्षतिग्रस्त मार्गों को दुरुस्त करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि केदार घाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों और बाबा केदार के भक्त एक बार फिर दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुर्ननिर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। लोक निर्माण विभाग ने 200 अतिरिक्त मजूदर तैनात किए हैं। सिंचाई विभाग के भी करीब दो सौ कर्मचारी बढ़ाए गए हैं। विभाग जल्द कार्य पूरा कर सके, इसके लिए अधिप्राप्ति नियमावली में छूट प्रदान की गई है। राहत और निर्माण कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। कहीं पर कोई कार्य करने में छूट चाहिए तो वह भी तत्काल दी जाएगी।