Lok Sabha: वक्फ बोर्ड की शक्तियां होंगी कम! आज लोकसभा में पेश होगा बिल

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेंगे।

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वक्फ बोर्ड (Waqf Board) संशोधन विधेयक (Amendment Bill) को लेकर राजनीतिक पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। इस बीच मोदी सरकार (Modi Government) गुरुवार (8 अगस्त) को इस विधेयक (Bill) को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश करने जा रही है। अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू (Minority Minister Kiren Rijiju) सुबह 12 बजे इस विधेयक को सदन में पेश करेंगे। एक तरफ एनडीए (NDA) इस विधेयक को पारित कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष (Opposition) इसका पुरजोर विरोध करेगा। सरकार वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करेगी। नए विधेयक में सरकार कई संशोधन कर सकती है।

वक्फ बोर्ड में सुधार को लेकर सरकारी विधेयक की कॉपी जारी कर दी गई है। सरकार संसद में वक्फ से जुड़े दो विधेयक लाएगी। एक विधेयक के जरिए मुस्लिम वक्फ अधिनियम 1923 को खत्म किया जाएगा। दूसरे विधेयक के जरिए वक्फ अधिनियम 1995 में अहम संशोधन होंगे। संशोधन विधेयक 2024 के जरिए सरकार 44 संशोधन करने जा रही है। सरकार ने कहा कि विधेयक लाने का मकसद वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है।

देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं जो आठ लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं। इससे वे रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट के तीसरे सबसे बड़े मालिक बन गए हैं।

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मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना
सूत्रों ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता इस कानून को लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित कराना है और वह इसे आगे की चर्चा के लिए संयुक्त रूप से समिति के पास भेजने के लिए भी तैयार है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीनों में सरकार ने विधेयक पर करीब 70 समूहों से सलाह ली है। इस विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के अलावा गरीब मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना है।

वक्फ बोर्ड में प्रस्तावित संशोधन
प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों के अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए भी अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले सप्ताह संसद में वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक पेश किया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड में इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों पर पड़ेगा। क्योंकि इन राज्यों में वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास काफी जमीन भी है। आपको बता दें कि 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को और अधिक अधिकार प्रदान किए थे। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.70 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.40 लाख एकड़ है।

कुछ मुस्लिम संगठन कर रहे हैं विरोध
कुछ मुस्लिम संगठन इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार के एजेंडे का समर्थन करने वाले कुछ दलों ने भी प्रस्तावित कानून पर अपनी आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रस्तावित विधेयक की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि वक्फ बोर्डों की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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