Wakf Board Amendment Bill 8 अगस्त को लोकसभा में पेश हो गया। इस विधेयक को लेकर जहां समाजवादी पार्टी सहित कई दल विरोध कर रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे अल्पसंख्यकों का हितैशी बताया है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो लोग आज वक्फ संशोधनों का विरोध कर रहे हैं, वे हैं, जो गरीब मुसलमानों के दुश्मन हैं और कुलीन भूमि हड़पने वालों और भूमि जिहादियों के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास लाखों एकड़ ज़मीन है, लेकिन आय 200 करोड़ रुपये से कम है। लाभ केवल अमीर कुलीन मुसलमानों को मिल रहा है।
मुसलमान स्वयं चाहते हैं सुधार
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक से पारदर्शिता, संवैधानिक सिद्धांतों के साथ संतुलन, जवाबदेही, वित्तीय लेखा परीक्षा, निगरानी एवं सत्यापन, वक्फ संपत्तियों का उचित उपयोग, महिलाओं की भागीदारी और मुसलमानों के अन्य संप्रदायों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। जब मुसलमान स्वयं सुधार चाहते हैं तो यह मुस्लिम विरोधी कैसे हो सकता है?
सुधारों की सिफारिश
पूनावाला ने कहा कि आगा खानिस, बोहरा, पिछड़े वर्ग के मुसलमान, महिलाएं सभी इसका समर्थन कर रहे हैं। सच्चर समिति की रिपोर्ट, के रहमान खान की अध्यक्षता वाली जेपीसी, मुस्लिम विद्वानों, पत्रकारों द्वारा सुधारों की सिफारिश की गई थी। जमीन हड़पने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। क्या पारसियों, हिंदुओं, जैनियों, ईसाइयों को ऐसे अधिकार हैं?
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समय की मांग
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड प्रणाली के नाम पर हो रहे उत्पीड़न का समाधान प्रदान करने के लिए है। यह समय की मांग है। संविधान के दायरे में यह विधेयक लाया जा रहा है और यह विकास की राह को मजबूत करेगा। इस पर उचित चर्चा होनी चाहिए, लेकिन आप इसे रोक नहीं सकते।