महाराष्ट्र के पालघर जिले के विजय वल्लभ कोविड सेंटर में 23 अप्रैल की रात लगी आग में 13 कोरोना संक्रमित भस्म हो गए। इस अस्पताल में कुल 90 कोरोना संक्रमित इलाज करा रहे थे। जिसमें से 17 लोग आईसीयू में भर्ती थे। इस पर मंत्री जी ने क्या कहा एक बार फिर सुन लो…
तो ये अपने मंत्री जी हैं बड़े-बड़े शहर में छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं। मंत्री जी टेन्शन में हैं कि अस्पताल क्यों दम तोड़ रहे हैं। उधर सर गंगाराम अस्पताल में 25 कोरोना संक्रमित ऑक्सीजन से सांसों की जंग हार गए।
वैसे कोरोना संक्रमण ने देश में परिस्थिति बेकार कर दी है। जिधर देखो लोगों को अस्पताल में बिस्तर चाहिये, ऑक्सीजन चाहिए और वेंटिलेटर चाहिए… लेकिन इधर महाराष्ट्र में सबकुछ मिलने के बाद भी अस्पताल धोखेबाज निकल रहे हैं।
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विजय वल्लभ अस्पताल की आग ने 14 की जान ले ली है तो 21 अप्रैल को नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में 24 कोरोना पीड़ितों की जान ऑक्सीजन न मिलने से हो गई थी। इसके पहले 9 अप्रैल को नागपुर के वेल ट्रीट अस्पताल की आग में चार लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े। जबकि 26 मार्च की रात भांडुप के सनराइज अस्पताल में लगी आग में 10 कोरोना संक्रमित भस्म हो गए। यानि 27 दिन में 53 लोग अस्पताल पहुंचकर भी जान से हाथ धो बैठे… महामारी काल है सुरक्षा इलाज से बेहतर है…
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