Bangladesh: जागो हिंदुओं, जागो! अभी नहीं तो कभी नहीं

बांग्लादेश में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। हिंसा और लूटपाट हो रही है। कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, उनके मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है।

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– अमन दुबे

बांग्लादेश (Bangladesh) में शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन (Anti-Reservation Movement) आखिरकार इतना उग्र हो गया कि देश में तख्तापलट (Coup) हो गया। सेना ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी हालांकि अब नोबेल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winner) मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व में अंतरिम सरकार (Interim Government) का गठन हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को देश छोड़कर भागना पड़ा है। पांच अगस्त से शुरू बर्बरता अभी भी जारी है।

हिंसा और लूटपाट जारी
बांग्लादेश में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। हिंसा और लूटपाट हो रही है। कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, उनके मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है। दंगाइयों ने प्रधानमंत्री के आवास में घुसकर उत्पात मचाया है, कैदी जेल से बाहर आ रहे हैं, जेल में बंद विपक्षी नेताओं को रिहा कर दिया गया है।

हिंदुओं को स्वयं करनी होगी अपनी रक्षा
इन तमाम राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं और अराजकता की स्थिति में ये और भी बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो हत्या, लूटपाट और मारपीट की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं। हिंदू महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं बढ़ गई हैं और मंदिरों पर भी हमले हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले अभी हो रहे हैं, ऐसी घटनाएं वहां कई बार सामने आ चुकी हैं। खासकर दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में तोड़फोड़ और मंदिरों पर हमले बढ़ जाते हैं। अब तक होता ये रहा है कि शेख हसीना की सरकार ऐसे हमलों पर लगाम लगाती थी, लेकिन अब क्या होगा कहा नहीं जा सकता। हिंदुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना की है। लेकिन सेना कट्टरवादी मुसलमानों का साथ देती है।

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कब जागेगा हिंदू समाज?
बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा को देखते हुए अब सभी हिंदुओं को जाग जाना चाहिए। अगर हिंदू अब भी नहीं जागे तो ये आने वाले बुरे दिनों का संकेत है। पाकिस्तान से लेकर कनाडा और अब बांग्लादेश तक हर जगह हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रही हिंदू आबादी लगातार कम होती जा रही है। आज बांग्लादेश की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1951 के मुकाबले 14 फीसदी कम हो गई है। बांग्लादेश में हर साल 2.3 लाख हिंदू देश छोड़ने को मजबूर होते हैं। आज यह सब बांग्लादेश में हो रहा है, कल यह नेपाल और भारत में भी हो सकता है।

हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे अंतरिम सरकार
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार (8 अगस्त) को देश में अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद मुहम्मद यूनुस को बधाई दी और बांग्लादेश में हिंदुओं सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

अब मात्र 7.97 प्रतिशत हिंदू
बांग्लादेश में हिंदुओं की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है, जो लगभग 13.8 मिलियन है। हिंदू धर्म बांग्लादेश में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जहां लगभग 7.97 प्रतिशत आबादी हिंदू है। बड़ी संख्या में हिंदू होने के बावजूद, बांग्लादेश में 1940 के बाद से हिंदू आबादी में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

हिंदुओं की सुरक्षा महत्वपूर्ण
बांग्लादेश के हालात पर मुंबई भाजपा के युवा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भरत सिंह ने हिंदुस्थान पोस्ट से कहा कि शरणार्थी नियमों के तहत हिंदुओं को बचाया जाए। उन्होंने कहा, “मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह जल्द से जल्द बांग्लादेश के राजनयिकों से बात करें और इस बात पर चर्चा करें कि वहां के हालात कैसे सुधारे जाएं और हिंदुओं को इस नरक से कैसे निकाला जाए। जिस तरह से पीएम मोदी भारत को आगे ले जा रहे हैं, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में भारत विश्वगुरु माना जाएगा। यह कहा जा सकता है कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध पहले जैसे ही बने रहेंगे।

हिंदुओं को बहुसंख्यक होना पड़ेगा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि बांग्लादेश जैसी स्थिति से बचने के लिए हिंदुओं को कम से कम दो बच्चे पैदा करने चाहिए। नागपुर में वीएचपी के महाराष्ट्र और गोवा प्रांत मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा है कि अगर हिंदू बहुसंख्यक नहीं हुए तो भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

भारत अपना सकता है कड़ा रुख
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत फिलहाल वेट एंड वॉच मोड में है और बांग्लादेश के हालात पर नजर रखे हुए है। इस संकट की घड़ी में भारत सरकार खुद बांग्लादेश के साथ खड़ी है और अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से कई मुद्दों पर चर्चा करेगी। अगर वहां हिंदुओं के साथ अत्याचार नहीं रुका तो भारत का रुख सख्त हो सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि बांग्लादेश में जो सरकार बनी है, वो भारत के साथ अपने रिश्ते बेहतर करेगी।

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