Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की एक अदालत ने 13 अगस्त (मंगलवार) को कथित आबकारी घोटाले (Delhi Liquor Policy Case) से जुड़े धन शोधन मामले में शामिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) , बीआरएस नेता के कविता (K Kavita) और अन्य की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) 2 सितंबर तक बढ़ा दी।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह फैसला तब सुनाया जब आरोपियों की पिछली हिरासत अवधि समाप्त होने पर वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए।
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केजरीवाल की न्यायिक हिरासत
सुप्रीम कोर्ट ने पहले केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन वह तिहाड़ जेल में ही हैं, क्योंकि उन्होंने अभी तक जरूरी जमानत बांड नहीं भरा है। कथित भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही जांच के तहत केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को जमानत नहीं दी
इससे पहले 5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने केजरीवाल और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 29 जुलाई को आप नेता की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर 17 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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दिल्ली आबकारी नीति मामला
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति ने गुटबाजी को बढ़ावा दिया और कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी, इस आरोप का AAP ने बार-बार खंडन किया है। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
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