Astronomical event: 14 अगस्त की रात आकाश में घटेगी अद्भुत खगोलीय घटना, स्‍वतंत्रता दिवस की सुबह तक देख सकेंगे

नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगल और गुरु के मिलन की इस घटना को खगोल विज्ञान के मुताबिक कंजक्‍शन ऑफ मार्स एंड जुपिटर बताया है। इसके अलावा इस घटना को तकनीकी रूप से एपल्‍स भी कहते हैं।

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Astronomical event:  खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 14 अगस्त की रात खास होने जा रही है। इस दौरान आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, 14 अगस्‍त को मध्‍यरात्रि के बाद आकाश में लाल ग्रह कहे जाने वाला मंगल और सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्‍पति (गुरु) जोड़ी बनाते नजर आएंगे। भारत में इस घटना को स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह सबेरे तक देखा जा सकेगा।

कंजक्‍शन ऑफ मार्स एंड जुपिटर
नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगल और गुरु के मिलन की इस घटना को खगोल विज्ञान के मुताबिक कंजक्‍शन ऑफ मार्स एंड जुपिटर बताया है। इसके अलावा इस घटना को तकनीकी रूप से एपल्‍स भी कहते हैं। उनके मुताबिक बुधवार मध्‍यरात्रि के बाद लगभग एक बजे यह दोनों ग्रह पूर्वी आकाश में जोड़ी बनाते हुए ही उदित होंगेा। इसके बाद इस जोड़ी को खाली आंखों से अथवा टेलीस्कोप से देखा जा सकता है। धीरे-धीरे ये ग्रह आगे बढ़ते हुये स्‍वतंत्रता दिवस की सुबह सूर्यादय की लालिमा आने तक दिखाई देंगे। इस दौरान बृहस्‍पति की चमक माइनस 2.2 और मंगल की चमक 0.8 मैग्‍नीटयूड होगी। इस जोड़ी के पीछे वृषभ तारामंडल होगा।

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अद्भुत खगोलीय घटना
उन्होंने बताया कि जोड़ी बनाते इन ग्रहों में मंगल पृथ्‍वी से लगभग 22 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा तो बृहस्‍पति 80 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा। दूरी में इतना अंतर होते हुए भी पृथ्‍वी से देखने पर इनका कोण इस प्रकार होगा कि वे जोड़ी के रूप में एक-दूसरे में समाते दिखेंगे। सारिका ने बताया कि पूर्णिमा के चंद्रमा की आकाश में चौड़ाई लगभग 0.5 डिग्री दिखती है, जबकि जोड़ी बनाते इन ग्रहों के बीच की दूरी सिर्फ 0.3 डिग्री रह जाएगी, जो चंद्रमा की चौड़ाई से भी कम होगी। उन्होंने कहा कि इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने से नहीं चूकना चाहिए, क्‍योंकि अगली बार बृहस्‍पति और मंगल के इतने करीब होने की घटना करीब नौ साल बाद एक दिसम्‍बर, 2033 को होगी।

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