Atrocities against Hindus in Bangladesh: शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों ने की यूएनएचआरसी से यह मांग

जीआईए का कहना है कि तख्तापलट के बाद उत्पन्न राजनीतिक शून्यता के कारण बांग्लादेश में हिंसा जारी है। यह बहुत चिंता की बात है कि विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हिंसा के अलावा हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों, उनके मंदिरों और संपत्तियों पर लक्षित कर हमले किए जा रहे हैं।

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Atrocities against Hindus in Bangladesh: प्रज्ञा प्रवाह और शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों के समूह (जीआईए) के बैनर तले बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, वकीलों और संबंधित नागरिकों के एक समूह ने बांग्लादेश में हिन्दू और अन्य अल्पसंख्यकाें पर बढ़ते उत्पीड़न और हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) को पत्र लिखकर बांग्लादेश में तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया है।

जीआईए का कहना है कि तख्तापलट के बाद उत्पन्न राजनीतिक शून्यता के कारण बांग्लादेश में हिंसा जारी है। यह बहुत चिंता की बात है कि विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हिंसा के अलावा हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों, उनके मंदिरों और संपत्तियों पर लक्षित कर हमले किए जा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र से मांग
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं। आगे अत्याचारों को रोकने और हिंदू व अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की तत्काल और निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है।

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टीम बांग्लादेश भेजने की मांग
हमारी मांग की है कि तुरंत एक टीम बांग्लादेश भेजें जो जमीनी स्थिति का आकलन करें। बांग्लादेशी अधिकारियों को लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा जाए। शरण चाहने वालों के लिए सुरक्षित मार्ग की सुविधा प्रदान करें। अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाकर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाया जाए। उन लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण करना है, जिन्होंने अपनी आजीविका खो दी है।

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