प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार (15 अगस्त) को लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर जोर देते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं (Constitution Makers) ने इसका सपना देखा था और हमें इसे पूरा करना होगा। देश को सांप्रदायिक सिविल कोड (Communal Civil Code) के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड (Secular Civil Code) की ओर जाना होगा।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में चर्चा का विषय है। सुप्रीम कोर्ट भी अगल-अलग नागरिक संहिता पर चिंता व्यक्त कर चुका है। ऐसे में देश को सांप्रदायिक सिविल कोड के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड की ओर जाना होगा। देश को इसपर व्यापक चर्चा करनी होगी। धर्म के आधार पर देश को बांटने वाले कानूनों का देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
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भारत का विकास किसी के लिए संकट नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में भीतर और बाहर की चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कुछ निराशावादी तत्व के बीच बैठी विकृति विनाश के सपने देख रही है। देश को इन्हें समझना होगा। साथ ही विश्व की शक्तियों को भी समझना होगा कि भारत का विकास किसी के लिए संकट नहीं है। यह शक्तियां संकट पैदा करने वाली तरकीबों से न जुड़े ताकि भारत को आगे निकलने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़े। हम बदनीयत वालों को नेक नीयत से जीतेंगे।
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