Adani Group: अगले हफ्ते जारी हो सकता है अडाणी ग्रुप का पहला एनसीडी इश्यू, यह है उद्देश्य

अडाणी ग्रुप अपने फंडिंग सोर्स को डायवर्सिफाई करने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए वो अलग-अलग तरीके से फंड जुटाने के तरीके का इस्तेमाल कर रहा है।

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Adani Group: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के झटके को आराम से झेल लेने के बाद अडाणी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के पहले नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) को लॉन्च करने की प्लानिंग को अंतिम रूप दे दिया है। माना जा रहा है कि अडाणी एंटरप्राइजेज का एनसीडी अगले सप्ताह की शुरुआत में ही लॉन्च किया जा सकता है। इस एनसीडी के जरिए कंपनी का इरादा 600 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसके साथ ही अडाणी एंटरप्राइजेज सितंबर के पहले पखवाड़े में ही डेढ़ से दो अरब डॉलर जुटाने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) भी लॉन्च कर सकती है।

600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल किया ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस
अडाणी एंटरप्राइज ने 25 जुलाई को एनसीडी ऑफर के जरिए 600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था। इस ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में स्टॉक एक्सचेंज को बताया गया था कि कंपनी 600 करोड़ रुपये का एनसीडी जारी कर सकती है। इस इश्यू में 300 करोड़ रुपये का बेस अमाउंट शामिल है। कंपनी की ओर से बताया गया था कि अगर डिमांड अच्छी रही, तो इसमें अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये जुटाने का प्रोविजन भी शामिल किया गया है। एनसीडी से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कंपनी अपने कर्ज को चुकाने के लिए कर सकती है। माना जा रहा है कि इस राशि से कंपनी अपने पुराने कर्ज के बड़े हिस्से का भुगतान कर सकती है।

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फंडिंग सोर्स को डायवर्सिफाई करने की कोशिश
जानकारों का कहना है कि अडाणी ग्रुप अपने फंडिंग सोर्स को डायवर्सिफाई करने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए वो अलग-अलग तरीके से फंड जुटाने के तरीके का इस्तेमाल कर रहा है। इसी के तहत अडाणी ग्रुप पहली बार कोई नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर लॉन्च कर रहा है। अडाणी ग्रुप अडाणी इंटरप्राइजेज के क्यूआईपी के लिए भी कई इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के साथ चर्चा कर रहा है। अभी तक की योजना के मुताबिक अडाणी एंटरप्राइजेज सितंबर के पहले पखवाड़ा में क्यूआईपी लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि शेयर बाजार के हालात और निवेशकों की डिमांड का आकलन करने के बाद इसकी आखिरी तारीख तय की जाएगी। कंपनी इस फंड का अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर के काम में इस्तेमाल कर सकती है। इसके साथ ही इस फंड को कंपनी के कर्ज को कम करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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