महाविकास आघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) ने शुक्रवार (16 अगस्त) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) का बिगुल फूंक दिया। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाविकास आघाड़ी ने मुंबई (Mumbai) में अपनी पहली सार्वजनिक बैठक (Public Meeting) की। बैठक में सभी पार्टियों के कार्यकर्ता शामिल हुए। इस सभा में सबसे पहले उद्धव ठाकरे बोलने के लिए खड़े हुए। इस बैठक में अपने भाषण में उद्धव ठाकरे ने सत्ताधारियों पर जमकर निशाना साधा। इस समय महाविकास आघाड़ी के मुख्यमंत्री पद (Chief Minister Post) की चर्चाओं पर भी उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकसभा की लड़ाई संविधान की लड़ाई थी। अब लड़ाई महाराष्ट्र की अस्मिता, संस्कृति की लड़ाई है। वे महाराष्ट्र को लूटने आये हैं। चुनाव आयोग आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। उन्हें आज महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा करनी चाहिए। हम तैयार हैं। हम उन लोगों से लड़ रहे हैं जो महाराष्ट्र को लूटने आए हैं। या तो तुम रहो, या मैं रहूँ।
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मैं कुर्सी के लिए नहीं लड़ रहा हूं: उद्धव ठाकरे
मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर चर्चा चल रही है। मैं अभी बता रहा हूं.. पृथ्वीराज चव्हाण, शरद पवार मंच पर हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए। मैं अब सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन करूंगा। मैं कुर्सी के लिए नहीं लड़ रहा हूं। जबकि महायुती में रणनीति यह थी कि जिसके पास ज्यादा सीटें होंगी, उसे मुख्यमंत्री बनाया जायेगा। इसलिए वे एक-दूसरे की जगहें तोड़ने में लगे हुए थे। लेकिन जैसे-जैसे हम आगे बढ़ें, पहले निर्णय लें, फिर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय कर लें, फिर आगे बढ़ें।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि महाविकास आघाड़ी में मुख्यमंत्री पद का निर्णय चुनाव के बाद सहयोगी दल साथ में मिल कर कर लेंगे। जबकि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि पृथ्वीराज चव्हाण सही कह रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए लेकिन आज उद्धव फिर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग उठाई है। इससे महाविकास आघाड़ी में तकरार बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं घोषणा कर रहा हूं कि चाहे वह वक्फ बोर्ड हो या कोई मंदिर या अन्य धार्मिक संपत्ति, मैं किसी भी कीमत पर उन संपत्तियों को छूने नहीं दूंगा। यह मेरा वादा है। यह सिर्फ बोर्ड का सवाल नहीं है। यह हमारे मंदिरों का भी मामला है, जैसा कि शंकराचार्य कहते हैं कि केदारनाथ से 200 किलो सोना चोरी हो गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
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