Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने बंगाल सरकार (Bengal Government) की कड़ी आलोचना (severe criticism) करते हुए हाल ही में एक अस्पताल (hospital) पर भीड़ द्वारा किए गए हमले को “राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता” (complete failure of state machinery) बताया।
न्यायालय की सख्त टिप्पणी राज्य की कानून और व्यवस्था बनाए रखने की क्षमता पर चिंता को उजागर करती है। यह विरोध प्रदर्शन एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ था।
ईमेल के कारण न्यायालय ने हस्तक्षेप किया
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को उजागर करने वाले कई ईमेल प्राप्त करने के बाद मामले को अपने हाथ में लिया। मुख्य न्यायाधीश ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यह राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता है। पुलिस मौजूद थी, लेकिन अपने ही लोगों की रक्षा नहीं कर सकी। ये डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे?”
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न्यायालय ने कानून प्रवर्तन पर सवाल उठाए
अदालत ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू न करने के लिए राज्य की आलोचना की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जब इतना हंगामा हो रहा था, तो आपको इलाके की घेराबंदी कर देनी चाहिए थी।” उन्होंने सवाल किया कि पुलिस द्वारा किसी भी निवारक कार्रवाई के बिना 7,000 प्रदर्शनकारी कैसे एकत्र हो सकते हैं।
घटना का विवरण
कोलकाता पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के रूप में लगभग 40 लोगों ने अस्पताल परिसर में धावा बोला, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस कर्मियों पर हमला किया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। उपद्रवियों ने आपातकालीन वार्ड, नर्सिंग स्टेशन, दवा की दुकान और ओपीडी के एक हिस्से को नष्ट कर दिया। इस दौरान कई सीसीटीवी कैमरे भी क्षतिग्रस्त हो गए और पुलिस की एक गाड़ी भी पलट गई।
सीबीआई करेगी जांच
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है।
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