कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में 9 अगस्त की रात 31 वर्षीय महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (Female Trainee Doctor) का शव (Dead Body) मिलने की घटना से चिकित्सा समुदाय में गहरा आक्रोश और गुस्सा है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी है।
बता दें कि 9 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल से 31 वर्षीय प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि इस अपराध में कई लोग शामिल हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने जारी किए निर्देश
इस जघन्य अपराध को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत डॉक्टरों पर हमले या हिंसा के मामलों में छह घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज (FIR Lodged) करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि डॉक्टरों पर हमले या हिंसा के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और घटना के छह घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस संबंध में सभी स्वास्थ्य संस्थानों को एक ज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी डॉक्टर पर हिंसा होने पर घटना के छह घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज की जाए। इसकी जिम्मेदारी संस्थान के प्रमुख की होगी, जो इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की
कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि राज्य मशीनरी इस घटना को संभालने में पूरी तरह विफल रही है। साथ ही कोर्ट ने सलाह दी है कि अस्पताल को बंद कर देना और अस्पताल में मौजूद मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर देना बेहतर होगा।
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