Bombay High Court: पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का संसदीय निर्वाचन रद्द करने की मांग, बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर

विनायक राउत ने अपनी याचिका में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र में नये सिरे से या दोबारा चुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) का रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट (Ratnagiri-Sindhudurg Seat) से संसदीय निर्वाचन (Parliamentary Election) रद्द (Cancelled) करने और अगले पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शिवसेना (उबाठा) के पूर्व सांसद विनायक राउत (Vinayak Raut) ने बाम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में शुक्रवार (16 अगस्त) को याचिका दाखिल (Petition Filed) की है।

याचिका में कहा गया है कि राणे ने इस साल रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से धोखाधड़ी के तरीकों से लोकसभा चुनाव जीता है, इसलिए उनका चुनाव रद्द किया जाए।साथ ही उनके पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए। बाम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिका में राउत ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट के लिए नए सिरे से चुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका की सुनवाई लंबित रहने तक राउत ने राणे को रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सांसद के रूप में बने रहने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

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विनायक राउत ने आरोप लगाया कि नारायण राणे के बेटे विधायक नितेश राणे ने 13 अप्रैल को एक सार्वजनिक बैठक की, जिसमें मतदाताओं को धमकाया गया कि अगर भाजपा उम्मीदवार को किसी विशेष क्षेत्र से बढ़त नहीं मिली तो उन्हें धन नहीं मिलेगा। याचिका में दावा किया गया, “यह मतदाताओं के लिए एक सीधी धमकी थी और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधित करती थी।” राउत ने कहा कि चूंकि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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