Gujarat के सोमनाथ, अंबाजी और द्वारका(Somnath, Ambaji and Dwarka) जैसे बड़े एवं मुख्य यात्राधामों के विकास(Development of big and main pilgrimage places) के अलावा राज्य सरकार छोटे-छोटे धार्मिक स्थलों का भी शानदार विकास कर रही है। राज्य सरकार(State Government) ने छोटे-छोटे धार्मिक स्थलों में 857.14 करोड़ रुपये के खर्च से विकास कार्यों (Development work at the cost of Rs 857.14 crore) का आयोजन शुरू किया है।
सभी धामों का सर्वांगीन विकास
गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के सचिव आर.आर. रावल ने बताया कि राज्य के सभी यात्राधामों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। इसके तहत केवल मंदिरों का ही विकास नहीं, बल्कि मंदिर परिसर के साथ-साथ पूरे यात्राधाम की मास्टर प्लानिंग की जा रही है ताकि अगले 20-25 वर्षों के विजन के अनुसार आने वाले पर्यटकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए यात्राधामों के विकास का नक्शा बनाया जा सके। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा इन स्थलों का कुछ इस तरह विकास किया जा रहा है, जिससे ऐसा न लगे कि मंदिर या यात्राधाम केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए ही है, बल्कि हर उम्र के लोगों को इन स्थानों से लगाव महसूस हो।
160 से अधिक विकास कार्य
राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में राज्य के अलग-अलग जिलों में धार्मिक स्थलों पर किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए बोर्ड के सचिव आर.आर. रावल ने बताया कि राज्य के बड़े तीर्थ स्थानों के आसपास स्थित छोटे धार्मिक स्थलों में कुल 857.14 करोड़ रुपये के खर्च से 163 विकास कार्य शुरू किए गए हैं। इनमें से 655 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च से 76 विकास कार्य प्रगति पर हैं। इसके अलावा, 70.19 करोड़ रुपये के खर्च से 57 विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 52.08 करोड़ रुपये के 24 कार्यों की योजना बनाई जा रही है। 79.10 करोड़ रुपये के 6 कार्यों का चालू बजट में नए कार्य के रूप में समावेश किया गया है।
अंबाजी-बहुचराजी यात्राधामों के आसपास 216.51 करोड़ रुपये के खर्च से विकास
राज्य के महत्वपूर्ण अंबाजी-बहुचराजी जैसे यात्राधामों के आसपास स्थित धार्मिक स्थलों का 216.51 करोड़ रुपये के खर्च से विकास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत, मास्टर प्लानिंग की कार्यवाही के तहत अंबाजी के आसपास स्थित धार्मिक स्थलों का 135.51 करोड़ रुपये के खर्च से विभिन्न प्रकार से विकास किया जा रहा है। इन विकास कार्यों में 3 करोड़ रुपये के खर्च से श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर के पहले चरण का विकास कार्य पूर्ण हो गया है। श्री रींछड़िया महादेव और उसके समीप स्थित तालाब का 53.95 करोड़ रुपये के खर्च से सौंदर्यीकरण कार्य तथा तेलिया डैम में 12.10 करोड़ रुपये के खर्च से विकास कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही, श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में दूसरे चरण के कार्य, श्री कामाक्षी मंदिर और श्री कुंभारिया जैन तीर्थ तथा अन्य धार्मिक स्थलों में अनुमानित 33 करोड़ रुपये के खर्च से विकास कार्यों की योजना बनाई जा रही है। केंद्र सरकार की ‘प्रसाद योजना’ के तहत 33.46 करोड़ रुपये के खर्च से पर्यटन सुविधा केंद्र जैसे विकास कार्य भी प्रगति पर हैं। अंबाजी के अलावा यात्राधाम बहुचराजी की मास्टर प्लानिंग के अंतर्गत 81 करोड़ रुपये के खर्च से विभिन्न विकास कार्यों की योजना बनाई जा रही है।
पावागढ़ और आसपास 187.49 करोड़ रुपये के खर्च से विकास कार्य
पावागढ़ यात्राधाम और उसके आसपास के तीर्थ क्षेत्रों में लगभग 187.49 करोड़ रुपये के विकास कार्य शुरू किए गए हैं। पावागढ़ यात्राधाम में 121 करोड़ रुपये के खर्च से विभिन्न विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि मांची चौक में 12.91 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्य प्रगति पर हैं। इनमें ऑफिस ब्लॉक का निर्माण, चाचर चौक की स्टोन फ्लोरिंग, मल्टीलेवल पार्किंग, प्रवेश द्वार, साइनेजिस, अग्निशम और जलापूर्ति जैसे विकास कार्यों का समावेश होता है। चांपानेर में 42 करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च से सड़क निर्माण और पार्किंग के विभिन्न विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। पावागढ़ स्थित बड़ा तालाब के पास 11.58 करोड़ रुपये के खर्च से टेंट सिटी बनाई जाएगी।
पोरबंदर, कच्छ, द्वारका और सिद्धपुर में 318.13 करोड़ रुपये के विकास कार्य
पोरबंदर, कच्छ, देवभूमि द्वारका और पाटण जिले में 318.13 करोड़ रुपये के खर्च से यात्राधामों का विकास शुरू किया गया है। पोरबंदर जिले के माधवपुर स्थित श्री कृष्ण-रुक्मणी यात्राधाम में 42.43 करोड़ रुपये, कच्छ में माता नो मढ यात्राधाम में लगभग 32.70 करोड़ रुपये और नारायण सरोवर में 30 करोड़ रुपये के खर्च से विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसी तरह, देवभूमि द्वारका में द्वारका कॉरिडोर का भव्य प्रोजेक्ट विचाराधीन है। इतना ही नहीं, बेट द्वारका के विकास के लिए 155 करोड़ रुपये की मास्टर प्लानिंग की गई है तथा 25 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्य प्रगति पर हैं। दूसरी ओर, पाटण जिले के सिद्धपुर में 33 करोड़ रुपये के खर्च से विभिन्न विकास कार्य प्रगति पर हैं।