National Parashuram Army: ब्राह्मण समाज के हित के लिए कार्य करने वाली राष्ट्रीय परशुराम सेना अब हिन्दू व सनातन धर्म को बचाने का बिगुल बजाया है। भांडुप में आयोजित मुंबई परशुराम सेना विस्तार एवं कजरी महोत्सव में बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत सरकार से बचाने की मांग उठी है।
संदेश फाउंडेशन एवं राष्ट्रीय परशुराम सेना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कजरी महोत्सव कार्यक्रम में महाराष्ट्र अध्यक्ष सचिन चौबे ने पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया। मंच संचालन करते हुए सेना राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि परशुराम सेना आज ब्राह्मण हित के साथ-साथ हिंदू समाज की रक्षा के लिए भी कार्यरत है। जिस तरह से बीते दिनों से बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, हम भारत सरकार से मांग करेंगे की बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करे और संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में भी उनकी सुरक्षा की बात करें।
ब्राह्मणों की मदद के लिए हमेशा रहेंगे तत्पर – सचिन चौबे
इस अवसर पर सेना के अध्यक्ष सचिन चौबे ने कहा कि यह संस्था ब्राम्हण समाज के लिए कार्य कर रही है। किसी भी ब्राम्हण पर यदि अत्याचार होता है तो हम और हमारा संगठन उसकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। सेना के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष राजेश पांडेय ने कहा कि किसी भी संस्था के रीढ़ की हड्डी उसके सदस्य होते हैं और हमें खुशी है कि हमारी रीढ़ की हड्डी इतनी मजबूत हो रही है, जो ब्राह्मण ही नहीं अपितु पूरे सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्यरत हैं।
परशुराम सेना का होगा विस्तार
राष्ट्रीय महासचिव संजय शर्मा ने कहा कि परशुराम सेना का विस्तार पूरे भारत वर्ष में किया जाएगा और संगठन के लिए अच्छा कार्य करने वाले को ही पद दिया जाएगा। इस अवसर पर बाबुलनाथ दुबे को मुंबई अध्यक्ष, अनुराग चौबे व संजय शुक्ला को महाराष्ट्र का सचिव, आर के मिश्रा को राष्ट्रीय संयोजक, अजीत त्रिवेदी को ठाणे जिला मीडिया प्रभारी, नरेंद्र दुबे को मुंबई उपाध्यक्ष के साथ दर्जनों लोगों को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीनिवास त्रिपाठी, गुलाब दुबे, सदाशिव चतुर्वेदी, स्वामीनाथ मिश्रा, डीएन मिश्रा, विनय मिश्रा, विनोद दुबे, वकील मिश्रा, ओमप्रकाश तिवारी, विकास शर्मा, कैलाश दुबे, धीरेंद्र मिश्रा, अवधेश तिवारी, नरसिंह पाल, दिवा शहर अध्यक्ष संतोष तिवारी, के के शुक्ला, शिवप्रसाद चौबे, सुरेन्द्र मिश्रा, उमाशंकर तिवारी, सुशील पाण्डेय आदि गणमान्य उपस्थित थे।