Kolkata Rape & Murder Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI ने की 33 घंटे तक पूछताछ, अभी शहर छोड़ने की इजाजत नहीं

सीजीओ कॉम्प्लेक्स में दाखिल होते समय संदीप के पास कुछ दस्तावेज थे जिन्हें लेकर वे अंदर गए थे। 33 घंटे से अधिक समय तक चली इस पूछताछ में किन मुद्दों पर बात हुई, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Sandip Ghosh) 33 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई (CBI) दफ्तर से बाहर निकले। संदीप घोष को शुक्रवार सुबह सीबीआई की टीम बीच रास्ते से उठा कर ले गई थी। रातभर पूछताछ के बाद थोड़ी देर के लिए रिहा किया और शनिवार सुबह 10 बजे सॉल्टलेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई दफ्तर में बुलाया गया था, जहां रात सवा 11 बजे के करीब उन्हें बाहर निकलते देखा गया।

संदीप के साथ शनिवार को कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) के तीन कर्मी भी सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे थे, जिनमें से एक आरजी कर पुलिस चौकी के प्रभारी थे। हालांकि, देर रात तक संदीप घोष अकेले ही सीबीआई दफ्तर में मौजूद थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, उन्हें रविवार सुबह फिर से सीजीओ कॉम्प्लेक्स (CGO Complex) में बुलाया गया है।

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सीजीओ कॉम्प्लेक्स में दाखिल होते समय संदीप के पास कुछ दस्तावेज थे जिन्हें लेकर वे अंदर गए थे। 33 घंटे से अधिक समय तक चली इस पूछताछ में किन मुद्दों पर बात हुई, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।

आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद संदीप घोष का नाम सामने आया था। डॉक्टर और छात्रों का आरोप था कि संदीप काफी प्रभावशाली हैं और वे जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इस कारण उनके इस्तीफे की मांग उठी थी। इसी बीच, संदीप ने सोमवार को मीडिया के सामने आकर इस्तीफे की घोषणा की और स्वास्थ्य भवन में जाकर आरजी कर के प्राचार्य और प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया था।

जिसके बाद, राज्य सरकार ने संदीप को एक अन्य सरकारी अस्पताल के प्राचार्य पद पर नियुक्त कर दिया, जहां उनके खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया। इस दौरान, आरजी कर मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने संदीप को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश दिया। तब से संदीप छुट्टी पर हैं।

अदालत के आदेश पर आरजी कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने गुरुवार को संदीप को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह पेश नहीं हुए। उन्होंने कहा कि भीड़ उनको घेर कर रख रही है, जिसकी वजह से वह सीबीआई दफ्तर नहीं जा रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को वह साल्ट लेक में ही स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर गए थे। उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग में उनके जाने के बाद आरजी कर के 42 डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक कर अपनी गाड़ी में बिठाया और सीजीओ कंपलेक्स ले जाकर लगातार पूछताछ कर रही है।

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