Lateral Entry: केंद्रीय मंत्री ने यूपीएससी अध्यक्ष को लिखे गए सरकारी पत्र का किया स्वागत, जानें चिराग पासवान ने क्या कहा

पासवान की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने की मांग करने के कुछ ही समय बाद आई है।

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Lateral Entry: केंद्रीय लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) (यूपीएससी) से हाल ही में जारी लैटरल एंट्री (Lateral Entry) विज्ञापन को रद्द (Advertisement Cancelled) करने के सरकार के कदम का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री (Union Minister) चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने 20 अगस्त (मंगलवार) को कहा कि उन्होंने इस मामले में एससी/एसटी समुदाय की चिंताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया है।

पासवान की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने की मांग करने के कुछ ही समय बाद आई है। सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी पासवान ने लेटरल एंट्री के कदम का विरोध किया था।

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प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय के संपर्क में हूं
भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के एक प्रमुख घटक लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब से यह मुद्दा मेरे संज्ञान में आया है, मैंने इसे संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया है। मैंने इस मुद्दे पर एससी/एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है। मैं प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय के संपर्क में हूं। उन्होंने मेरे साथ गहन चर्चा की और मैंने उनके कार्यालय को संबंधित दस्तावेज सौंपे हैं। सरकार को अपनी सभी नियुक्तियों में आरक्षण के नियमों का पालन करना चाहिए।”

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पीएससी विज्ञापन
विवाद पिछले सप्ताह जारी यूपीएससी विज्ञापन से उपजा है, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार की सेवाओं में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने वाले निकाय ने 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया – 10 संयुक्त सचिवों के और 35 निदेशकों/उप सचिवों के – जिन्हें अनुबंध के आधार पर पार्श्व प्रवेश मोड के माध्यम से भरा जाना है। पार्श्व योजना का उद्देश्य सरकारी विभागों में विशेषज्ञों (निजी क्षेत्र से भी) की नियुक्ति करना है; इन नियुक्तियों पर कोई कोटा लागू नहीं होता है।

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जाति-आधारित आरक्षण
इस मुद्दे को विभिन्न विपक्षी नेताओं ने उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जाति-आधारित आरक्षण को ‘कमजोर’ करने की कोशिश कर रही है। आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए सरकार ने अपनी ओर से कहा कि इस कदम से अखिल भारतीय सेवाओं में एससी/एसटी की भर्ती पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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