Shambhu Border खोलने के मामले पर 2 सितंबर को सु्प्रीम सुनवाई, कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को दिया ये निर्देश

22 अगस्त को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों के साथ 19 अगस्त को बैठक हुई थी। किसानों को हाइवे खोलने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वे आंदोलन करने पर अडिग हैं।

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Shambhu Border: सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने शंभू बॉर्डर को खोलने के मामले पर 22 अगस्त को सुनवाई टाल दी। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच(Bench headed by Justice Suryakant) ने कहा कि तीन-चार दिनों में हम कमेटी का गठन(Committee formed) करेंगे, जो किसानों से बात करेगी। मामले की अगली सुनवाई दो सितंबर को होगी। तब तक पंजाब और हरियाणा की सरकारें(Government of Punjab and Haryana) किसानों से बात जारी रखें।

पंजाब सरकार का इस बात को लेकर एतराज
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वो कमेटी के विचार के लिए मसले बता सकते हैं ताकि कोर्ट कमेटी को दे सके। 22 अगस्त को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों के साथ 19 अगस्त को बैठक हुई थी। किसानों को हाइवे खोलने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वे आंदोलन करने पर अडिग हैं। तब कोर्ट ने कहा कि आप किसानों को बताइए कि कोर्ट भी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना चाहता है। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि अगली सुनवाई के पहले एक बार किसानों से और बात की जानी चाहिए। तब कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई दो सितंबर को करने का आदेश दिया।

12 सितंबर को बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का दिया था निर्देश
कोर्ट ने 12 सितंबर को शंभू बार्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि एंबुलेंस, सीनियर सिटिजंस, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोला जाए। इसके लिए दोनों तरफ की सड़क की एक-एक लेन खोलने को कहा गया था।

गतिरोध समाप्त करने के लिए कमेटी का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत कर गतिरोध को ख़त्म करने में लिए कमेटी के गठन के लिए पंजाब, हरियाणा सरकार की ओर से सुझाए नाम पर संतोष जाहिर किया था। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी के लिए गैर राजनीतिक लोगों का चयन सराहनीय है। कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के पुलिस अधिकारियों को एक हफ्ते में मीटिंग कर इस पर विचार करने को कहा था कि कैसे शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोला जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को तय करना है कि कैसे एम्बुलेंस, जरूरी सेवाओं, छात्राओं और रोजाना सफर करने वाले लोगों के लिए हाइवे को खोला जा सकता है।

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हरियाणा सरकार को आपत्ति
उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है। हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए।

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