UP Politics: सबसे बड़ा चेहरा बनकर एक बार फिर उभरे सीएम योगी आदित्यनाथ, विपक्ष चित

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने सीएम योगी के शासन को सुशासन बताते हुए उसकी प्रशंसा की है।

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  • अमन दुबे

UP Politics: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की भाजपा (BJP) में अब सबकुछ ठीक होता नजर आ रहा है। एक समय नाराज चल रहे नेता और कार्यकर्ता अब सीएम योगी (CM Yogi) के समर्थन में आ गए हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बीच अब सबकुछ ठीक है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले ही डिप्टी सीएम मौर्य ने सीएम योगी के कामकाज की प्रशंसा की थी।

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने सीएम योगी के शासन को सुशासन बताते हुए उसकी प्रशंसा की है। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच संभावित मतभेद कम होने का संकेत माना जा रहा है।

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पार्टी में सबकुछ ठीक
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में अप्रत्याशित झटका लगा था। यहां भाजपा सपा-कांग्रेस गठबंधन से हार गई थी। खबरों के अनुसार, इस हार की वजह से केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मतभेद बढ़ गए थे। इसको लेकर कई दिनों से चर्चा चल रही थी। हालांकि मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी की प्रशंसा कर अपने मतभेद पर विराम लगा दिया है और अब पार्टी में सबकुछ ठीक लग रहा है।

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दुनिया में मोदी – योगी जैसा कोई नेता नहीं
मझवां सीट को लेकर आयोजित संगठनात्मक बैठक में डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप भी यह जानते और मानते हैं और जनता भी समझती है कि हमारी डबल इंजन की सरकार स्वतंत्र भारत में सबसे अच्छा काम कर रही है। डिप्टी सीएम मौर्य ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या दुनिया में मोदी जी जैसा कोई दूसरा नेता है? क्या देश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री है? कार्यकर्ताओं के बीच से आवाज आई, नहीं।

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उपचुनाव की तैयारी तेज
दरअसल, भाजपा यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर तमाम बड़े नेता क्षेत्र में डटे हुए हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। भाजपा एक बार फिर प्रदेश के चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई है।इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ समेत प्रदेश के कई बड़े नेता उपचुनाव को लेकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। वे संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं, हर दिन कोई न कोई नेता बड़ी बैठक कर रहा है।

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विपक्ष की चिंताएं बढ़ीं
राजनीतिक जानकारों की मानें तो केशव प्रसाद मौर्य का बयान विपक्ष के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। दरअसल, अखिलेश यादव पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को साथ लाकर पीडीए की राजनीति के जरिए उत्तर प्रदेश में अपना प्रभाव जमाने की कोशिश में हैं। लोकसभा चुनाव में उन्हें इस राजनीति का लाभ भी मिला था। डिप्टी सीएम मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच टकराव को पेश कर अखिलेश यादव जनता के बीच अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे थे। अखिलेश ने लगातार हमले करके केशव प्रसाद मौर्य की पिछड़े वर्ग पर पकड़ को कम करने की कोशिश की थी। हालांकि, अब मौर्य के रुख में आए बदलाव ने विपक्ष की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अगर भाजपा के भीतर टकराव कम हुआ तो विपक्ष को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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उपमुख्यमंत्री मौर्य का विपक्ष को संदेश
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर सभी विवादों और अटकलों पर विराम लगा दिया है। साथ ही विपक्ष को साफ संदेश दिया है कि पार्टी या सरकार में कोई अंदरूनी कलह नहीं है और पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ने जा रही है।

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लोकसभा में भाजपा को बड़ा नुकसान
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में भाजपा 2014 और 2019 के मुकाबले आधी सीटों पर सिमट गई। इसके बाद हार की जिम्मेदारी तय करने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार और पार्टी संगठन के बीच विवाद हो गया। इस बार यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर बड़ा उलटफेर हुआ है। भाजपा को 33, समाजवादी पार्टी को 37 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने अकेले 64 सीटें जीती थीं, जिसमें से 62 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था।

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