Jammu and Kashmir विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस(एनसी) और कांग्रेस के गठबंधन पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) लगातार हमलावर है। भाजपा ने एनसी-कांग्रेस के गठबंधन पर राज्य के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस औऱ एनसी गठबंधन राज्य में आरक्षण को खत्म करना चाहती है।
शांति की शुरुआत
24 अगस्त को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में केन्द्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त कर नरेन्द्र मोदी की सरकार ने राज्य में शांति और समृद्धि के युग की शुरुआत की है। इसके विपरीत, कांग्रेस और एनसी के बीच गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को उनके उचित आरक्षण से वंचित करने का इरादा है। अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा करके, कांग्रेस पार्टी-एनसी गठबंधन न केवल जम्मू-कश्मीर की प्रगति को रोक रहा है, बल्कि एक समावेशी और सशक्त भारत के लिए बाबा साहेब आम्बेडकर के दृष्टिकोण के साथ भी विश्वासघात कर रहा है।
एनसी पर हमला
रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस पार्टी पाकिस्तान के साथ ट्रेड की बात कर रही है, लेकिन यह मुद्दा राज्य सरकार का है या केंद्र सरकार का? पाकिस्तान के साथ यह लोग कौन-सा ट्रेड करना चाहते हैं? आज बस कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी मिलकर जम्मू कश्मीर को जाति और मजहब में बांटना चाहती हैं।
जाति से ऊपर उठकर करनी चाहिए बात
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी को इस चुनाव को जाति व मजहब से ऊपर उठकर देखना चाहिए। उन्हें जम्मू-कश्मीर के हितों की बात करनी चाहिए। देश को बांटने वाला उनका ये घोषणा पत्र और गठबंधन फिर से उस क्षेत्र को विकास के मार्ग से पीछे करने वाला है। आज अनुच्छेद-370 व 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में 890 केन्द्रीय कानूनों को लागू कर दिया गया है। जिसके कारण से वहां के लोगों को तेज रफ्तार से विकास, खुशहाली, शांति और ट्रेड में नई गति मिली है। मगर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पार्टी उसे मजहब के नाम पर बर्बाद करना चाहती हैं।