Jammu-Kashmir Assembly Poll: गुलाम नबी आजाद की DPAP ने किया 13 उम्मीदवार घोषित, पूरी सूची यहां देखें

डीपीएपी को एक और झटका तब लगा जब वरिष्ठ नेता ताज मोहिउद्दीन ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए।

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गुलाम नबी आजाद

Jammu-Kashmir Assembly Poll: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (Democratic Progressive Azad Party) (डीपीएपी) ने आज (25 अगस्त) जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Elections) के लिए 13 उम्मीदवारों (13 candidates) की अपनी पहली सूची (first list) जारी की। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री (former Chief Minister) गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) द्वारा गठित पार्टी के लिए यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।

पार्टी के महासचिव (संगठन) आरएस चिब ने रविवार को सूची जारी की। पार्टी ने डोडा ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी, देवसर से पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट, भद्रवाह से जम्मू-कश्मीर के पूर्व एडवोकेट जनरल मोहम्मद असलम गोनी, डूरू से डीडीसी सदस्य सलीम पार्रे और लोलाब से मुनीर अहमद मीर को मैदान में उतारने का फैसला किया है।

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किसको कहां से मिला टिकट
डीपीएपी ने कहा कि डीडीसी सदस्य बिलाल अहमद देवा अनंतनाग पश्चिम से, गुलाम नबी वानी (नेल्लोरा) राजपोरा से, मीर अल्ताफ हुसैन अनंतनाग से और कैसर सुल्तान गनई (जिन) गंदेरबल से उम्मीदवार होंगे। इसके अलावा, इसने कहा कि गुलाम नबी भट ईदगाह से, अमीर अहमद भट खानयार से, निसार अहमद लोन गुरेज से और पीर बिलाल अहमद हजरतबल से चुनाव लड़ेंगे। अमीर अहमद भट ने हाल ही में श्रीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे। डीपीएपी उम्मीदवार जीएम सरूरी ने कठुआ-उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर भाजपा के डॉ. जितेंद्र सिंह ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की।

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ताज मोहिउद्दीन ने डीपीएपी से इस्तीफा दिया
डीपीएपी को एक और झटका तब लगा जब वरिष्ठ नेता ताज मोहिउद्दीन ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। ताज मोहिउद्दीन ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ दी थी, जिन्होंने बाद में अपनी खुद की पार्टी डीपीएपी बनाई। लोकसभा चुनाव में डीपीएपी ने श्रीनगर सीट के लिए जे-के अपनी पार्टी के मोहम्मद अशरफ मीर और बारामुल्ला सीट के लिए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के सज्जाद गनी लोन का समर्थन किया था। मीर और सज्जाद दोनों ही घाटी में लोकसभा चुनाव हार गए। चेनाब घाटी क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता के बावजूद, आजाद अब तक घाटी के मतदाताओं का ध्यान खींचने में विफल रहे हैं।

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