Visakhapatnam espionage case: विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एनआईए ने देशभर में 16 जगहों पर की छापेमारी, यहां जानें पूरा प्रकरण

एजेंसी ने 28 अगस्त को गुजरात, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में कुल 16 स्थानों पर तलाशी ली।

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Visakhapatnam espionage case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआईए) ने पाकिस्तान (Pakistan) के नेतृत्व वाले विशाखापत्तनम जासूसी मामले (Visakhapatnam espionage case) में बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए कई स्थानों पर व्यापक तलाशी ली है। एजेंसी ने गुरुवार को बताया कि एनआईए ने भारत भर के सात राज्यों (seven states) में कई स्थानों पर तलाशी ली और कई संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए।

एजेंसी ने 28 अगस्त को गुजरात, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में कुल 16 स्थानों पर तलाशी ली। यह मामला पाकिस्तानी आईएसआई जासूसी रैकेट के जरिए गोपनीय रक्षा सूचनाओं के लीक होने से जुड़ा है।

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काउंटर इंटेलिजेंस सेल
आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने बताया कि एनआईए की टीमों द्वारा तलाशी लिए गए परिसर उन संदिग्धों से जुड़े थे, जिन्हें भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से पैसे मिले थे। एनआईए के अनुसार, उसकी छापेमारी टीम ने तलाशी के दौरान कुल 22 मोबाइल फोन और कई संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए। यह मामला सीमा पार से रची गई साजिश के तहत भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील महत्वपूर्ण सूचनाओं के लीक होने से जुड़ा है। एनआईए ने जुलाई 2023 में इस मामले को अपने हाथ में लिया था, जिसे मूल रूप से जनवरी 2021 में आंध्र प्रदेश पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस सेल द्वारा दर्ज किया गया था। एनआईए ने 19 जुलाई, 2023 को दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिनकी पहचान फरार पाकिस्तानी नागरिक मीर बलज खान और आकाश सोलंकी के रूप में हुई थी।

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जासूसी रैकेट में शामिल
जांच में पता चला कि दोनों लोग जासूसी रैकेट में शामिल थे। पिछले साल 6 नवंबर को एनआईए ने मनमोहन सुरेंद्र पांडा और अल्वेन के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। पांडा को कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अल्वेन, एक कथित पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव फरार है। इसके अलावा, मई 2024 को, एनआईए ने एक अन्य आरोपी अमन सलीम शेख के खिलाफ दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया, जो कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव के साथ साजिश रच रहा था। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के एक पूर्व भारतीय सेना के जवान को भी पाकिस्तान द्वारा संचालित जासूसी मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था और कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। एनआईए के एक बयान में कहा गया है कि सौरभ शर्मा नामक व्यक्ति को पांच साल की सजा सुनाई गई है। शर्मा को गुजरात निवासी अनस याकूब गितेली नामक एक अन्य आरोपी के साथ गिरफ्तार किया गया था।

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