BJP के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर के लिए पार्टी प्रभारी तरुण चुग ने 29 अगस्त को 5 अगस्त, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में आए बदलावों पर खुली बहस का आह्वान किया है। जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए चुग ने अन्य दलों के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आए बदलावों पर बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने विशेष रूप से उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गांधी परिवार के सदस्यों को खुली बहस में भाग लेने के लिए कहा जिसमें मीडिया समय और स्थान निर्धारित करेगा।
तरुण चुग ने पेश किया आंकड़ा
चुग ने सुरक्षा में सुधार और हिंसा में कमी के भाजपा के दावों का समर्थन करने के लिए सांख्यिकीय साक्ष्य प्रस्तुत किए। उन्होंने नागरिक और सुरक्षा बलों के हताहत होने और पथराव की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी पर प्रकाश डाला। चुग के अनुसार 2018 में नागरिकों की हत्या की संख्या 55 से घटकर 2023 में 23 और 2024 में 14 हो गई। इसी तरह मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 2018 में 90 से घटकर 2023 में 30 और 2024 में 14 हो गई। पत्थरबाजी की घटनाएँ जो 5 अगस्त, 2019 से पहले सालाना 1,328 थीं कथित तौर पर 2023 और 2024 में बंद हो गई हैं।
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फारुख अब्दुल्ला की आलोचना
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला द्वारा जेल में बंद नेताओं की रिहाई के आह्वान की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या अब्दुल्ला हिंसा और पत्थरबाजी को बढ़ावा देने में शामिल व्यक्तियों को रिहा करने का इरादा रखते हैं। चुग ने जोर देकर कहा कि ऐसी गतिविधियों को फिर से शुरू करना जम्मू-कश्मीर की प्रगति के हित में नहीं है।