कौशल विकास विभाग (Skill Development Department) के तहत एक नई पहल में, महाराष्ट्र (Maharashtra) के सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) की छात्राओं (Students) को आत्मरक्षा प्रशिक्षण (Self Defense Training) प्रदान किया जाएगा, जिसका उद्देश्य उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए सशक्त बनाना है।
पूरे महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, कौशल विकास विभाग ने एक नया अभियान शुरू किया है – हर घर दुर्गा (Har Ghar Durga)। इसके तहत राज्य भर में सभी सरकारी आईटीआई में समर्पित शारीरिक शिक्षा सत्र आयोजित किए जाएंगे। संस्थानों को प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए समय स्लॉट की व्यवस्था करनी होगी और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ सहयोग करना होगा।
इस संबंध में हिंदुस्थान पोस्ट की प्रतिनिधि कोमल यादव ने हिंदू विश्व परिषद की दुर्गा वाहिनी शाखा चलाने वाली नेजल शुक्ला का साक्षात्कार लिया, ताकि यह पता चल सके कि वह इस पहल को कैसे देखती हैं।
1. आत्मरक्षा प्रशिक्षण क्या है और क्या ये किसी वर्ग के लिए ही होता है?
उत्तर : आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से हम दुर्गाओं को मनोवैज्ञानिक, बौधिक व शारिरिक रूप से इतना मजबूत बनाते हैं कि वो किसी भी प्रकार के संघर्ष से खुद लड़ सके। उन्हें किसी और की सहायता की जरुरत ना पड़े। दूसरी बात, ये किसी एक वर्ग के लिए नहीं है। ये हर एक उम्र वालों के लिए है। आपके वर्ग अलग हो हो सकते हैं परन्तु प्रशिक्षण सभी के लिए है। छोटे बच्चों से लेकर कामकाजी महिलाओं तक, हर उम्र के लोग इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं। इसके लिए उम्र की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
उत्तर : आत्मरक्षा प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि अजकल का जो माहौल चल रहा है, सभी महिलाओं और बच्चियों को जरूरत है इसकी। अगर हम देखें तो आत्मरक्षा प्राचीन समय से महत्वपूर्ण है। रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई ने प्रशिक्षण क्यों सिखा था? उनके पास तो बड़ी सारी सेना थी फिर भी उन्होंने सिखा, क्योंकि उनको पता था कि जब स्वरक्षा की बात आती है, तो स्वयं एक मात्र ऐसी व्यक्ति बचते हैं, जो अपनी रक्षा कर सकें। तो ये सभी के लिए ज़रूरी है और आज की महिलाएं आज की दुर्गाओं के लिए तो बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि जब हम खुद को सक्षम और मजबूत बनाएंगे , खुद को प्रशिक्षण देंगे, तभी हम रक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे। हम किसी की सहायता के लिए किसी का रास्ता नहीं देखेंगे कि कोई आए और हमारी सहायता करे।
3. 3 युक्तियां, जिससे महिलाओं को आत्मरक्षा रक्षा में मदद मिलेगी?
उत्तर : यह जरूरी नहीं है कि आपको जूडो या कराटे का पूर्व अनुभव होना चाहिए। यह सब आपके दृढ निश्चय की बात है। स्वयं को सशक्त बनाना है और खुद के पैरों पर स्वयं की रक्षा की प्रतिज्ञा लेनी है। इसके 3 टिप्स हैं, सबसे पहले तो महिलाओं को 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए, उससे आपका स्वास्थ्य बना रहेगा। दूसरी चीज, आप अपना दिनचर्या फिक्स करें। तीसरी बात, पहले 30 मिनट के लिए आप योगा और व्यायाम करें। ये करना बहुत जरूरी है। इससे आपके शरीर का लचीलापन बना रहता है, जिससे ट्रेनिंग में भी आपको काफी मदद मिलती है।
4. महाराष्ट्र सरकार की योजना हर घर दुर्गा के बारे में आप क्या कहेंगे?
उत्तर : महाराष्ट्र सरकार की ये योजना बहुत अच्छी है। इस योजना के तहत हर घर में एक दुर्गा हो जाएगी और अगर हर घर में दुर्गा होगी ,तो हमारा समाज ऐसे ही सशक्त हो जाएगा। ITI संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित किया जानेवाला ये निर्णय बहुत सही है क्योंकि पढ़ाई के साथ-साथ अगर प्रशिक्षण मिल जाएगा। ये एक उदाहरण सेट कर सकता है, दूसरे राज्य को भी ऐसी योजना बनाने की और उन्हें इस बात पर जोर देने की, कि लड़कियां हो या महिलाएं, हम किसी से कम नहीं। हम स्वयं अपनी रक्षा करने में समर्थ हैं।
उत्तर : स्कूल और कॉलेज में ये प्रशिक्षण तो जरूर होना चाहिए। जैसे हम महाराष्ट्र की इस योजना को देखते हैं, तो मुझे लगता है इसे न केवल एक वर्ग बल्कि हर एक संस्थान में लागू करने की आवश्यकता है। इसके अलावा हमारी जो युवा पीढ़ी है, वह सबसे ज्यादा समय सोशल मीडिया पर दे रही है। इससे वे जागरुक रह सकती हैं। मुझे ऐसा लगता है कि अगर यह स्कूल और कॉलेज में कंपलसरी होता है तो समाज पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर हर घर दुर्गा अभियान सफल होता है तो क्या यह अभियान बाकी कॉलेजों और स्कूलों में भी लागू नहीं होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों को भी इससे सीख लेते हुए इसे महिला सुरक्षा की दिशा में एक कदम मानना चाहिए।