पूरे देश के साथ महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमण उफान पर है। इस हालत में आक्सीजन समेत रेमडेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों की भारी कमी देखी जा रही है। इस कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, लेकिन इससे देश के कुछ धंधेबाजों को कई फर्क नहीं पड़ता और वे सारी नैतिकता को ताक पर रखकर इन दवाओं की कालाबाजरी कर अपनी जेब भरने में जुटे हैं।
5 धंधेबाज गिरफ्तार
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने गोरेगांव के मोतीलाल नगर में एक होटल के रसोईघर में छापा मारकर रेमडेसिविर की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया है। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, साथ ही रेमडेसिविर की 26 शीशी जब्त की है। पुलिस के अनुसार ये आरोपी इस दवा को 20,000-25,000 रुपये प्रति पीस में बेच रहे थे।
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Maharashtra: Mumbai Police Crime Branch raided a hotel's kitchen in Motilal Nagar, Goregaon from where black marketing of Remdesivir was being done and arrested five people. 26 vials of Remdesivir seized. The accused used to sell the medicine at Rs 20,000-25,000 per piece. pic.twitter.com/4aZRRj0ksk
— ANI (@ANI) April 27, 2021
इससे पहले भी दिल्ली और अन्य प्रदेशों में ऐसे जीवन रक्षक दवाओं की कालाबारी करने के आरोप में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दिल्ली में तीन आरोपी गिरफ्तार
पिछले दिनों दिल्ली में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के पास से 1 लाख 20 हजार रुपए बरामद किए गए थे। इसके साथ ही तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन और वाहन के साथ ही 100 ऑक्सीमीटर तथा 48 छोटे आकार के ऑक्सीजन सिलेंडर भी जब्त किए गए थे। मिली जानकारी के अनुसार ये रेमडेसिविर इंजेक्शन 40 हजार रुपए में बेच रहे थे।
छत्तीसगढ़ मे भी चार आरोपी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर बरामद की गई थी। ये 25 हजार रुपए में रेमडेसिविर बेच रहे थे।
जीवनरक्षक दवाओं की भारी कमी
बता दें कि दिल्ली में कोरोना विस्फोट के कारण यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर जैसी जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी है। कुछ दिन पहले ही यहां के सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने से 25 मरीजों की जान जाने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही कई अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीजों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही वर्तमान में भी कई मरीजों की सांसें ऑक्सीजन और अन्य जीवन रक्षक दवाओं के अभाव में टूटने को है। इस हालत में भी धंधेबाज अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ये मानवता और नैतिकता को ताक पर रखकर थोड़े से पैसे के लिए इस तरह के अपराध कर रहे हैं।