कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में हुए दुष्कर्म मामले (Rape Case) में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी डॉक्टरों (Doctors) को कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने साफ किया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई (Action) नहीं की जाएगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की है।
अब अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। कोर्ट ने सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने को कहा है और एजेंसी को अगली सुनवाई में ‘ताजा स्थिति रिपोर्ट’ पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी हुई। कोर्ट ने पीड़िता की तस्वीरें सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न कर सके।
“हड़ताल की वजह से 23 लोगों की जान चली गई”
सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कोलकाता रेप केस को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से 23 लोगों की जान चली गई। कपिल सिप्पल ने देश की शीर्ष अदालत को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है और बताया है कि 23 लोगों (मरीजों के मामले में) की जान तब गई जब डॉक्टर काम नहीं कर रहे थे।
स्टेटस रिपोर्ट छिपाने की जरूरत क्यों?
सीबीआई ने रिपोर्ट सीलबंद होने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार अपनी स्टेटस रिपोर्ट सीबीआई के साथ साझा नहीं कर रही है। इसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है बल्कि सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी गई है।
कोलकाता में न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन
रविवार को कोलकाता में हजारों लोगों ने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया। कई शिक्षण संस्थानों के पूर्व छात्र, क्ले मॉडलर, रिक्शा चालक और जूनियर डॉक्टर अलग-अलग तरीकों से कोलकाता की सड़कों पर उतरे और एक महीने पहले हुई महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
दक्षिण कोलकाता के 40 से अधिक स्कूलों के करीब 4 हजार पूर्व छात्रों ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए 2 किलोमीटर की दूरी तय की है। विभिन्न आयु वर्ग के छात्र गरियाहाट के रास बिहारी एवेन्यू से श्यामाप्रसाद मुखर्जी रोड के चौराहे तक ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाते हुए पैदल चले।
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