Joint military war exercise: भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास का 20वां संस्करण 9 सितंबर से राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ। यह अभ्यास 22 सितंबर तक चलेगा। दोनों सेनाओं के बीच यह युद्ध अभ्यास 2004 से हर साल बारी-बारी आयोजित किया जाता है।
रक्षा प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि सैन्य शक्ति और उपकरणों के संदर्भ में इस संयुक्त अभ्यास के दायरे और जटिलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अभ्यास में 600 सैनिकों की भारतीय सैन्य टुकड़ी का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है। इसके साथ-साथ हथियारों और सैन्य सेवाओं के कर्मी भी अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इसी तरह 600 सैनिकों की अमेरिकी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिकी सेना के अलास्का स्थित 11वें एयरबोर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन कर रही है।
यह है उद्देश्य
इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के सातवें अध्याय के तहत उप-परंपरागत परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास अर्ध-रेगिस्तानी वातावरण में संचालन पर केंद्रित होगा। इस किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी अभियानों का अनुकरण करते हैं।
द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत
उन्हाेंने बताया कि यह युद्ध अभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता और ताल मेल विकसित करने में मदद मिलेगी। संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा और दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।