J-K Assembly polls: इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

बारामुल्ला से सांसद राशिद फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं, जो 2 अक्टूबर को समाप्त होने वाली है। नतीजतन, उन्हें आज बाद में तिहाड़ जेल से रिहा किए जाने की उम्मीद है।

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J-K Assembly polls: राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) स्थित पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने आज (11 सितंबर) सांसद इंजीनियर राशिद (MP Engineer Rashid) की नियमित जमानत याचिका (regular bail plea) पर फैसला 5 अक्टूबर (शनिवार) तक टाल दिया।

बारामुल्ला से सांसद राशिद फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं, जो 2 अक्टूबर को समाप्त होने वाली है। नतीजतन, उन्हें आज बाद में तिहाड़ जेल से रिहा किए जाने की उम्मीद है।

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इंजीनियर राशिद को अंतरिम जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद को अंतरिम जमानत दी। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (10 सितंबर) को कश्मीर से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद को आतंकी फंडिंग मामले में 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दे दी, ताकि वह आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में प्रचार कर सकें। इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बारामूला से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था।

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18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में चुनाव होने हैं। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राशिद को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दी। न्यायाधीश ने कहा, “मैं 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दे रहा हूं। उन्हें 3 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करना होगा।”

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नियमित जमानत याचिका
न्यायाधीश ने उन पर कई शर्तें भी लगाईं, जिसमें यह भी शामिल है कि वह गवाहों या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। 5 जुलाई को अदालत ने राशिद को लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी। अदालत ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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