दो सौ आतंकियों को हरानेवाले संधू की हत्या का ये था कारण! आरोप पत्र में खुला मामला

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शौर्य चक्र विजेता बलविंदरसिंह संधू पंजाब में आतंकवाद से लोहा लेनेवाले चेहरे थे। उनकी हत्या 16 अक्टूबर, 2020 को उनके गांव तरनतारन जिले के भीखीविंड में हो गई थी। इस प्रकरण को 27 जनवरी, 2021 में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को जांच के लिए सौंपा गया था। इस प्रकरण में केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में कुल आठ लोगों के नामों का उल्लेख है।

इस हत्या को पाकिस्तान से संचालित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के द्वारा करवाया गया था। प्रकरण में आठ लोगों के विरुद्ध यूएपीए, आर्म्स एक्ट, हत्या समेत कई धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है। बलविंदर सिंह की हत्या भीखीविंड के उनके घर में चल रहे स्कूल में हुई थी। इसके पीछे का उद्देश्य था कि देश में खालिस्तानी विचारधारा का विरोध करनेवालों में भय पैदा करना था।

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कॉन्ट्रैक्ट किलिंग थी हत्या
आरोप पत्र में किये गए खुलासे के अनुसार इस हत्या को पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के स्वघोषित मुखिया लखवीर सिंह रोडे ने करवाई थी। इसके लिए केएलएफ से संलग्न अंतरराष्ट्रीय आतंकियों ने हथियार और पैसे उपलब्ध कराए थे।

एजेंसी की जांच में सामने आया कि केएलएफ के आतंकियों ने पंजाब के स्थानीय अपराधी सुखमीतपाल सिंह उर्फ सुख बिखारिवाल को पैसा और हथियार उपलब्ध कराया था।

यह साजिश हरमीत सिंह बिखारीवाल द्वारा रची गई थी। लेकिन उसकी हत्या होने के बाद लखवीर सिंह रोडे ने केएलएफ की कमान संभाली। इस सिलसिले में लखवीर सिंह और सुख बिखारीवाल के बीच बलविंदर सिंह की हत्या को लेकर कोडवर्ड संदेशों के माध्यम से बातचीत हुई थी। इस आरोप पत्र में नामित इंदरजीत सिंह, शार्प शूटर गुरजीत सिंह उर्फ भा और सुखदीप सिंह उर्फ भूरा ने अंजाम तक पहुंचाया। अन्य आरोपियों ने उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने आदि में सहायता की है।

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मादक पदार्थों के साथ हथियार का व्यवहार
इस प्रकरण की जांच में पंजाब में आतंकवादी- मादक पदार्थ और स्थानीय अपराधियों की साठगांठ का खुलासा हुआ है। इसमें पाकिस्तान से मादक पदार्थ में छुपाकर हथियारों की तस्करी अंतरराष्ट्रीय सीमा से कराए जाने की बात सामने आई। इसे बेचकर प्राप्त होनेवाले धन का उपयोग आतंकी गतिविधियों को पुनर्जिवित करने के लिए किया जा रहा है।

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