Paralympics: भारत (India) ने पेरिस 2024 (Paris 2024) में अपना सर्वश्रेष्ठ पैरालिंपिक अभियान (best Paralympics campaign) दर्ज किया है। उन्होंने रिकॉर्ड 29 पदक (7 स्वर्ण, 9 रजत, 13 कांस्य) जीते हैं, जो शोपीस इवेंट में पहले कोई अन्य भारतीय दल (Indian contingent) हासिल नहीं कर सका था। गुरुवार को एथलीट नई दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की।
इससे पहले मोदी ने एथलीटों के प्रदर्शन की सराहना की और अपने एक्स अकाउंट (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) के जरिए खिलाड़ियों को बधाई दी। “भारत को इस बात की बेहद खुशी है कि हमारे अविश्वसनीय पैरा-एथलीटों ने 29 पदक जीते हैं, जो खेलों में भारत के पदार्पण के बाद से अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।”
India’s Paralympic champions have set a new benchmark with the highest-ever medal count. It was a delight to interact with them. https://t.co/yLkviuJCaI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2024
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पैरालिंपिक में भारत की महिलाओं ने बाजी मारी
उन्होंने आगे कहा, “यह उपलब्धि हमारे एथलीटों के अटूट समर्पण और अदम्य भावना के कारण है। उनके खेल प्रदर्शन ने हमें कई यादगार पल दिए हैं और कई उभरते एथलीटों को प्रेरित किया है।” रियो 2016 में सिर्फ़ एक पदक मिला था, क्योंकि दीपा मलिक ने रजत पदक जीतकर पहली भारतीय महिला पैरालिंपिक पदक विजेता बनी थीं। टोक्यो 2020 में अवनी लेखरा और भाविना पटेल ने तीन-तीन पदक जीते।
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महिलाओं ने कुल 11 पदक जीते
पेरिस 2024 में, यह संख्या तीन गुना से भी ज़्यादा हो गई, क्योंकि भारतीय महिलाओं ने कुल 11 पदक जीते (जिसमें मिश्रित टीम स्पर्धाओं में एक पदक भी शामिल है)। शायद यही भारत के अभियान की कहानी है, क्योंकि वे पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहे। अवनी लेखरा, शीतल देवी, तुलसीमति मुरुगेसन, मनीषा रामदास, निथ्या श्री सुमति सिवन, रुबीना फ्रांसिस और मोना अग्रवाल ने निशानेबाजी, तीरंदाज़ी और बैडमिंटन में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
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सबसे बड़ी उपलब्धि तीन महिलाओं की रही
लेकिन भारत के लिए खेलों से सबसे बड़ी उपलब्धि तीन महिलाओं की रही, जिन्होंने स्टेड डी फ्रांस में लैवेंडर ट्रैक पर धूम मचा दी। ट्रैक इवेंट ऐतिहासिक रूप से भारत का मज़बूत पक्ष नहीं रहे हैं, ख़ासकर स्प्रिंट। पेरिस से पहले, भारत ने पैरालिंपिक में स्प्रिंट इवेंट में कभी पदक नहीं जीता था। हालांकि, इस बार तीन महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया। प्रीति पाल खेलों में भारत की एकमात्र दोहरी पदक विजेता रहीं, जिन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर टी35 स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता।
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