Haryana Assembly Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के लिए बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बागी उम्मीदवार (Rebel Candidates) सिरदर्द बन गए हैं…कई बागी उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव (Independent Elections) लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया है। बागी उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना बीजेपी और कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है।
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर संपत सिंह ने नलवा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया है। प्रोफेसर संपत सिंह ने टिकट मिलने की उम्मीद में पाला भी बदल लिया था। प्रोफेसर संपत सिंह हुड्डा गुट छोड़कर कुमारी शैलजा के साथ जुड़ गए थे। लेकिन बात नहीं बनी तो कांग्रेस से बागी हो गए।
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अंबाला में भी कांग्रेस में बगावत
अंबाला में भी हुड्डा गुट और शैलजा गुट आमने-सामने आ गए थे। नतीजा यह हुआ की पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा टिकट दिलाने में कामयाब हो गए लेकिन कुमारी शैलजा के विरोध के कारण उनकी बेटी को टिकट नहीं मिला और वह बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में है।
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जींद में भी कांग्रेस को झटका
जुलाना विधानसभा सीट में पहलवान विनेश फोगाट का भी विरोध हो रहा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के स्थानीय नेता विनेश फोगाट को टिकट मिलने से खुश नहीं है। कांग्रेस के कई बागी उम्मीदवारों ने यहां पर्चा दाखिल किया है जिसमें विद्या रानी, वीरेंद्र घोघड़िया, प्रदीप गिल ,दिलबाग संदील शामिल है।
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बीजेपी में भी कई हो गए बागी
हरियाणा में पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंने हिसार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला है। उनकी संपत्ति 29.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद नवीन जिंदल की मां है। हिसार से बीजेपी के गौतम सरदाना और बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने भीनिर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर बीजेपी उम्मीदवार डॉक्टर कमल गुप्ता की मुश्किलें बढ़ा दी है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ रामविलास शर्मा को भी बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। ऐसे में दिलचस्प होता जा रहा है हरियाणा विधानसभा का चुनाव बागियों के दमखम पर किसी भी दल की जीत तय करेगा।
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