Congress के इस कदम से महाविकास आघाड़ी की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी ‘उबाठा’ में बेचैनी!

उबाठा के प्रवक्ता संजय राऊत ने बुधवार, 18 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस पर खूब कटाक्ष किया। महाविकास आघाड़ी की बैठक में कौन मौजूद रहेगा? इस बारे में पूछे जाने पर राऊत ने कहा, ''बैठक में सभी लोग होंगे। नाम लेने की जरूरत नहीं है, हालांकि कांग्रेस पार्टी इन दिनों बहुत व्यस्त है, हमने उन्हें सीट-बंटवारे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है।

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शिवसेना उद्धव ठाकरे
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Congress: मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुंबई में सीटों के बंटवारे पर राजनीति करने से कांग्रेस में काफी नाराजगी है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस ने उबाठा को अपने बुक से हटा दिया है और इस पर चर्चा करने से परहेज करना शुरू कर दिया है, जिससे उबाठा में बेचैनी फैल गई है। उबाठा प्रवक्ता संजय राऊत ने 18 सितंबर को माना कि सीट बंटवारे को लेकर एमवीए में खींचतान जारी है।

उद्धव ने किया 2019 का जिक्र
16 अगस्त को मुंबई में महाविकास अघाड़ी की संयुक्त बैठक हुई। इस सभा में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने 2019 में बीजेपी के साथ हुए गठबंधन का जिक्र किया। इसमें ठाकरे कहते हैं, 2019 में बीजेपी ने घोषणा की थी कि ‘जो पार्टी ज्यादा सीटें जीतेगी, उसका ही मुख्यमंत्री बनेगा’ और दोनों के बीच एक-दूसरे के उम्मीदवारों को गिराने की होड़ मच गई। 2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के तौर पर लड़ा गया था। चुनाव के बाद, उद्धव ठाकरे ने कथित तौर पर झूठा प्रचार करना शुरू कर दिया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का अपना वादा नहीं निभाया और यह भी कहा कि ‘क्योंकि भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया, इसलिए उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया और कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी सरकार बनाई।

कांग्रेस सावधान
दूसरी ओर, बीजेपी ने दावा किया है कि चुनाव से पहले यह तय किया गया था कि ‘जिसे अधिक सीटें मिलेंगी उसका मुख्यमंत्री होगा’, वहीं बीजेपी ने यह भी स्पष्ट किया कि ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था। कांग्रेस नेता यह भावना व्यक्त कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए पहले बीजेपी के साथ मिलकर और बाद में महा विकास आघाड़ी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। इसलिए कांग्रेस अब सतर्क रुख अपना रही है।

बड़े भाई पर धौंस?
इस बीच, उबाठा ने मुंबई की 36 में से 22 सीटों पर दावा किया है, जबकि कांग्रेस को 18 सीटों की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में भी उबाठा ने अधिक सीटों का दावा करते हुए 21 उम्मीदवार उतारे, लेकिन उनमें से केवल 9 ही निर्वाचित हो सके। इसके विपरीत, कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ी और 13 पर जीत हासिल की। इसके चलते कांग्रेस ने उबाठा से दूरी बनानी शुरू कर दी है, क्योंकि कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी में बड़े भाई बनने के बाद भी उबाठा की दबंगई जारी है।

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कांग्रेस की ‘तारीख पर तारीख’
उबाठा के प्रवक्ता संजय राऊत ने बुधवार, 18 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस पर खूब कटाक्ष किया। महाविकास आघाड़ी की बैठक में कौन मौजूद रहेगा? इस बारे में पूछे जाने पर राऊत ने कहा, ”बैठक में सभी लोग होंगे। नाम लेने की जरूरत नहीं है, हालांकि कांग्रेस पार्टी इन दिनों बहुत व्यस्त है, हमने उन्हें सीट-बंटवारे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। कांग्रेस पार्टी के नेता ‘तारीख पर तारीख’ देने में व्यस्त हैं। इसलिए हमने फैसला किया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम आज से तीन दिन तक बैठक करेंगे और मामले को सुलझाएंगे।”

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