Mountaineering: डूंगरपुर जिले के पर्वतारोही व प्रमुख व्यवसायी राकेश बिशनोईऔर उनकी टीम ने लद्दाख क्षेत्र की मरखा घाटी की सबसे ऊंची चोटी कांगयास्ते-1 पर 21 हजार फ़ीट की टेक्निकल पीक पर फतह हासिल करके राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। उन्होंने अपने 3 अन्य साथियों गुरप्रीत सिंह सिद्धू, सोनम शेरपा एवं डॉ. आदित्य के साथ 7 सितंबर को दिल्ली से इंटरनेशनल मॉन्टनरिंग फाउंडेशन से परमिशन के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी।
इस अभियान के दौरान वे 57 किलोमीटर की ट्रेकिंग करते हुए मरखा घाटी पहुंचे और 11 सितंबर को उन्होंने अपना बेस कैंप स्थापित किया। खराब मौसम तथा अन्य चुनोंतियों के बावजूद टीम ने अभियान रखा जारी बेस कैंप पर खराब मौसम एवं स्नो फॉल और तेज़ हवाओं के कारण से उनके एक साथी डॉ. आदित्य की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें रेस्क्यु करके वापस भेजना पड़ा।
थी बड़ी चुनौती
कैम्प-1 और कैम्प-2 इस अभियान के रहें 2 मुख्य पड़ाव बिशनोईने बताया कि कैम्प-1 और कैम्प-2 इस अभियान के 2 मुख्य पड़ाव थे जहां तेज़ हवाएं, स्नो फॉल और हाड़ कंप कंपा देनी वाली कड़ाके की ठंड के बीच तकनीकी कुशलता का उपयोग करके चढ़ाई करना ही सबसे बड़ी चुनौती थी। यहां टेंट लगाने की जगह बनाना मुश्किल था और ये कैम्प पहाड़ तथा ग्लेसियर की बर्फ के किनारे पर लगाए हुए थे, जहां हवाएं तेज़ और स्नो के साथ आती है तथा यहां का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। 21 हजार फ़ीट ऊंचे शीर्ष पर -16 डिग्री तापमान में फहराया राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा 2 दिन बेस कैम्प में बिताने के बाद 13 तारीख की आधी रात को मौसम थोड़ा ठीक और साफ होने पर बिशनोईऔर उनकी टीम ने शिखर की ओर चढ़ाई चालू की। ये चढ़ाई पूर्ण रूप से तकनीकी उपयोग के साथ रात के अंधेरे में थी।
रोप फिक्सिंग के साथ जुमार, क्रेम्पोन और आइस एक्स का इस्तेमाल करते हुए ये कठिन चढ़ाई करते हुए 14 सितंबर की सुबह 6.20 बजे कांगयास्ते-1 के 21 हजार फ़ीट ऊंचे शीर्ष पर -16 डिग्री सेल्सियस तापमान में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया तथा अपने परिवार और देशवासियों को गर्व की अनुभूति करवाई। पहले भी भारत और पूरी दुनिया में कई ऊंची चोटियों पर फहरा चुके हैं तिरंगा बिशनोईइससे पहले भी भारत और पूरी दुनिया में कई ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराने का साहसिक कारनामा कर चुके है जिनमें यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस, अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो, माउंट सतोपंथ, माउंट नून, माउंट भारद्वाज, मून पीक सहित कई तकनीकी चोटियां शामिल है। माउंट एवेरेस्ट और माउंट लाओत्से को एक साथ रिकॉर्ड समय में फतेह करने का अगला लक्ष्य राकेश बिशनोई ने बताया कि पर्वतारोहण उनको हमेशा कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करता है।
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अगला लक्ष्य
इसी कड़ी में उनका सबसे बड़ा लक्ष्य माउंट एवेरेस्ट और माउंट लाओत्से को एक साथ रिकॉर्ड समय में फतेह करने का है, जिसकी तैयारी के लिए वो ये तकनीकी चोटिया फतेह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द ही वह अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराएंगे।