Jijamata Udyan Zoo: वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान (Veermata Jijabai Bhosale Udyaan), जिसे रानी बाग (Rani Bagh) के नाम से भी जाना जाता है, मुंबई (Mumbai) के व्यस्त महानगर में बसा एक हरा-भरा नखलिस्तान (green oasis) है।
1861 में स्थापित, यह विशाल पार्क शहर के कंक्रीट के जंगल से एक सुंदर विचरण प्रदान करता है, जो आगंतुकों को हरे-भरे वनस्पतियों, आकर्षक जानवरों और शांतिपूर्ण एकांत के दायरे में ले जाता है।
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इतिहास में एक झलक
रानी बाग का एक दिलचस्प अतीत है और इसे पहले विक्टोरिया गार्डन के नाम से जाना जाता था। इसे मूल रूप से एक वनस्पति उद्यान के रूप में डिज़ाइन किया गया था, और इसमें दुनिया भर से कई तरह की विदेशी प्रजातियाँ थीं। 1890 में पार्क में बायकुला चिड़ियाघर बनाया गया, जिसने इसके आकर्षण को और बढ़ा दिया। बाद में, महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की माँ के सम्मान में, पूरे ढांचे को वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान नाम दिया गया।
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प्रकृति और वन्यजीवों का एक आकर्षक मिश्रण
आज, रानी बाग प्रकृति और वन्यजीवों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का एक प्रमाण है। सावधानीपूर्वक बनाए गए उद्यानों में 3,000 से अधिक पेड़ हैं, जिनमें 276 प्रजातियाँ शामिल हैं। आगंतुक जीवंत फूलों की प्रदर्शनी, शांत रास्तों और शांत झीलों के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं, जिससे उन्हें प्रकृति के साथ उसके सभी वैभव में फिर से जुड़ने का मौका मिलता है।
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विविध जीवों के लिए शरणस्थली
रानी बाग में स्थित बायकुला चिड़ियाघर में दुनिया भर के जानवरों का एक आकर्षक संग्रह है। राजसी शेरों और चंचल बंदरों से लेकर सरीसृपों और पक्षियों की एक श्रृंखला तक, चिड़ियाघर इन जीवों को करीब से देखने और उनके आवास और व्यवहार के बारे में जानने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
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हरियाली से परे: एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक खजाना
रानी बाग न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आश्रय स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का खजाना भी है। पार्क के भीतर स्थित डॉ. भाऊ दाजी लाड संग्रहालय में कलाकृतियों और प्रदर्शनों का एक व्यापक संग्रह है जो मुंबई के अतीत की आकर्षक कहानी बयां करता है। प्राचीन मूर्तियों और चित्रों से लेकर जटिल वस्त्रों और सजावटी वस्तुओं तक, संग्रहालय शहर की समृद्ध विरासत की एक झलक पेश करता है।
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