Assembly elections: राजनीतिक पार्टियों में सत्ता पाने के लिए मुफ्त की रेवड़ियां बांटने में होड़ लगी हुई है। मुफ्त की बिजली और लोक लुभावन वादों को पूरा करने के चक्कर में आर्थिक संकट में फंसे हिमाचल प्रदेश और पंजाब से कांग्रेस सीख लेने की जरुरत नहीं समझ रही है।
कांग्रेस के वादे अलग, इरादे अलग
कांग्रेस ने हरियाणा में सरकार आने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सभी महिलाओं को 2000 रुपए प्रति माह, 25 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज और गरीबों को 100 गज के मुफ्त प्लॉट के साथ पक्का मकान देने की गारंटी दी है। इन वादों को यदि लागू कर दिया जाए तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बदहाल होने से कोई रोक नहीं सकता।
हरियाणा की आर्थिक स्थिति
हरियाणा की आबादी 2 करोड़ 86 लाख है। इस प्रदेश पर वर्तमान में तीन लाख 17 हजार 1982 करोड़ रुपए की देनदारी है। आसान भाषा में समझा जाए तो हरियाणा में प्रत्येक बच्चा एक लाख 11 हजार रुपए का कर्ज अपने सिर पर लेकर पैदा हो रहा है। कांग्रेस के इन गारंटियों से 30 हजार करोड़ रुपए सालाना का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
कांग्रेस की गारंटी और वित्तीय बोझ
मौजूदा वित्तीय वर्ष में हरियाणा का कुल बजट 89 हजार करोड़ रुपए का है। कांग्रेस की गारंटी लागू होने के बाद बजट का लगभग 15 प्रतिशत पैसा मुफ्त की रेवड़ियों पर खर्च हो जाएगा ।
‘आमदनी कम, खर्च ज्यादा’ का गणित
-18 से 60 साल तक की तकरीबन 60 लाख महिलाओं को 2 हजार रुपए प्रत्येक महीने पर 1440 करोड़ रुपए सालाना खर्च आने का अनुमान है।
-हरियाणा के 40 लाख परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा 500 रुपए घरेलू गैस सिलेंडर देने पर हर साल 2700 करोड रुपए खर्च होंगे ।
-3 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ 35 लाख से अधिक लोग ले रहे हैं। जिस पर 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च हो रहा है। कांग्रेस ने पेंशन को दोगुना यानी 6 हजार प्रति माह देने का वादा किया है। ऐसे में पेंशन योजना पर 20 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
-प्रदेश में 45 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन हैं। 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने से राज्य सरकार पर 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा ।
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