हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मस्जिद विवाद (Mosque Dispute) के बीच मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के आधार कार्ड (Aadhar Card) को लेकर नया विवाद (Dispute) खड़ा हो गया है। इसकी वजह यह है कि बाहरी राज्यों से आए ज्यादातर मुस्लिम व्यापारियों (Muslim Traders) की जन्मतिथि (Date of Birth) एक जैसी है। शिमला जिले के गुम्मा बाजार में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। गुम्मा व्यापार मंडल ने कोटखाई थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें 88 व्यापारियों के दस्तावेज पुलिस को देकर जांच की मांग की गई है। व्यापार मंडल का दावा है कि 88 लोगों में से 46 की जन्मतिथि एक जनवरी है। जन्म का साल अलग है। राज्य में आने वाले सभी व्यापारियों की पूरी जांच होनी चाहिए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गुम्मा व्यापार मंडल ने ऐसे आधार कार्डों की जानकारी एकत्रित कर पुलिस को सौंप दी है और उनसे किसी भी अनियमितता या धोखाधड़ी की जांच करने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि कोई भी व्यक्ति जो दूसरे राज्य से व्यापार के लिए क्षेत्र में आ रहा है, उसे अपना चरित्र प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र की जानकारी स्थानीय व्यापार मंडल और पुलिस को देनी चाहिए।
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पुलिस से कार्रवाई की मांग
शिमला व्यापार मंडल ने कहा है कि भले ही बुजुर्गों को अपनी सही जन्मतिथि याद न हो, लेकिन अगर कम उम्र के युवाओं और किशोरों में यह तिथि गुम है, तो यह चिंता का विषय है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने कहा है कि वे फिलहाल इन आधार कार्डों का सत्यापन कर रहे हैं। हिंदू संगठन भी लगातार मांग कर रहे हैं कि बाहर से आकर हिमाचल प्रदेश में रहने वाले लोगों का पंजीकरण किया जाना चाहिए।
मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश
हिमाचल प्रदेश में इस समय अवैध मस्जिदों के निर्माण और बाहर से आने वाले लोगों की अवैध घुसपैठ को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। शिमला के संजौली और मंडी में जेल रोड पर बनी मस्जिदों के मामले में स्थानीय निवासियों ने विरोध जताया है। संजौली में जहां मुसलमानों ने खुद मस्जिद को गिराने का प्रस्ताव रखा है, वहीं मंडी में भी मस्जिद को गिराने का आदेश दिया गया है।
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