Delhi: मुख्यमंत्री आतिशी और आप नेता केजरीवाल को समन जारी, 3 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इस मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी।

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दिल्ली (Delhi) के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने भाजपा (BJP) नेता राजीव बब्बर (Rajiv Babbar) की ओर से अग्रवाल मतदाताओं के ‘नाम कटवाने’ के आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले (Criminal Defamation Case) में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना (Chief Minister Atishi Marlena) और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को समन (Summons) जारी किया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने आतिशी और केजरीवाल को 3 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इस मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी। 28 जनवरी 2020 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के चार नेताओं को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।

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चार लोगों को बनाया गया आरोपी
भाजपा नेता राजीव बब्बर ने कोर्ट में चारों के खिलाफ दिल्ली में मतदाता सूची से अग्रवाल मतदाताओं के ‘नाम कटवाने’ का आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। 16 जुलाई, 2019 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को जमानत दी थी। राजीव बब्बर ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लोगों को भाजपा के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। दिल्ली में अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने के मामले में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के खिलाफ आपराधिक मानहानि की याचिका दायर की गई है। याचिका में केजरीवाल के अलावा आतिशी मर्लेना, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता को भी आरोपित बनाया गया है।

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर लगाया आरोप
उल्लेखनीय है कि अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे। भाजपा पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी के नेताओं और खुद अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली के कुल 8 लाख वैश्य वोटरों में से 4 लाख के नाम क्यों कटवाए, जवाब दीजिए। भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी जैसी गलत नीतियों की वजह से व्यापारियों के धंधे चौपट हो गए। इसलिए वैश्य इस बार भाजपा को वोट नहीं दे रहे। तो क्या इसका मतलब आप उनके वोट कटवा दोगे?

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