– कोमल यादव
गाड़ियों की लंबी कतारें, ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) में फंसना ये आम बात हो चुकी है। फिर भी हम इस उम्मीद से हर रोज प्रवास करते है की आज हमें कोई ट्रैफिक में फंसना नहीं पड़ेगा। भागदौड़ भरी इस जीवनशैली में कुशल कनेक्टिविटी (Connectivity) की जरुरत बढ़ती जा रही है। इसी बीच ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान दिखने लगा है। एमएमआरडीए (MMRDA) ने मुंबई (Mumbai) के बीकेसी (BKC) में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए पॉड टैक्सियों (Pod Taxi) को हरी झंडी दिखाई है।
यात्रा क्रांति के लिए तैयार मुंबई ?
भारत के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में चालक रहित पॉड टैक्सियों की शुरुआत हो सकती है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने विस्तृत तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन (TEFS) के बाद बीकेसी के लिए पॉड टैक्सी परियोजना को मंजूरी दे दी है। उसकी टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स द्वारा समीक्षा की गई है। अध्ययन के बाद बीकेसी की अनूठी स्थलाकृति और अपेक्षित यातायात वृद्धि को ध्यान में रखते हुए परियोजना की व्यवहार्यता की पुष्टि की गई है।
6 लाख यात्री प्रतिदिन उठाएंगे लाभ
टीईएफएस ने लागत, तकनीकी आवश्यकताओं और दीर्घकालिक लाभों सहित विभिन्न कारकों की जांच की और यह सुनिश्चित करते हुए कि पॉड टैक्सी प्रणाली प्रतिदिन 6 लाख यात्रियों को कुशलतापूर्वक सेवा प्रदान कर सकती है। हर दिन, 6.4 लाख लोग इस व्यस्त व्यावसायिक केंद्र में यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए MMRDA ने UItra PRT (लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पॉड टैक्सी प्रणाली को लागू करने के लिए जाना जाता है) के सहयोग से साई ग्रीन मोबिलिटी को अनुबंध दिया है।
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2027 तक शुरू होने की उम्मीद
सितंबर में, MMRDA को 1,016 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने की मंजूरी मिली, जिसके 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। एमएमआरडीए के आयुक्त संजय मुखर्जी ने ये भी जानकारी दी है कि सफल होने पर, पॉड टैक्सी प्रणाली को मुंबई के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जा सकता है। इससे शहर की तेजी से बढ़ती आबादी के लिए भविष्योन्मुखी और लागत प्रभावी परिवहन विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।
क्या हैं पॉड टैक्सी ?
वे चालक रहित, स्वचालित वाहन हैं, जो यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। बिजली से चलने वाली, एक पॉड टैक्सी 4-6 यात्रियों को ले जा सकती है और एलिवेटेड रेल गाइडवे के नेटवर्क पर चलेगी। पर्यावरण के अनुकूल, सुविधाजनक और तेज, पॉड टैक्सियां भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में तेजी से यात्रा करने के एकमात्र उद्देश्य से नियमित सड़कों के ऊपर चलती हैं। 3 साल की निर्माण समयसीमा के साथ, BKC पॉड टैक्सी सेवा से 8.8 किमी की दूरी तय करने और मार्ग पर 38 स्टॉप होने की उम्मीद है।
एलिवेटेड पटरियों पर चलेंगे वाहन
ये अभिनव वाहन आठ मीटर ऊंचे खंभों द्वारा समर्थित केवल आठ इंच चौड़ी एलिवेटेड पटरियों पर चलेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सड़क पर कोई जाम न लगे और सभी गाड़ियां आराम से अपने मंजिल तक पहच जाएं। फिलहाल, पॉड टैक्सियों के लिए 21 रुपये प्रति किलोमीटर का किराया प्रस्तावित है, जिसमें सालाना 4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
कई देशों में पहले से ही परिचालित
परिवहन का यह तरीका सिंगापुर, यूके, यूएसए, दक्षिण कोरिया और यूएई जैसे अन्य देशों में भी हैं। इनमें से कई देशों ने इन टैक्सियों की प्रभावशीलता और दक्षता का अनुभव किया है, जो इस पहल को भारत के लिए एक व्यवहार्य परिवहन विकल्प बनाता है। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की पहली टैक्सी 1970 के दशक में वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में शुरू की गई थी। आज, ये बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में हैं। अब यह देखना होगा कि क्या ये टैक्सी लोगों को लुभाएगी और ट्रैफिक से राहत दिलाएगी ?
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