Maharashtra: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (Ittehad-e-Millat Council) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqeer Raza) ने एक बार फिर अपने भड़काऊ भाषण (provocative speech) से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ सीधी कार्रवाई की मांग (Demand for direct action) की है।
महाराष्ट्र के संभाजी नगर में एआईएमआईएम के एक कार्यक्रम में बोलते हुए रजा ने भावनाओं से भरा भाषण दिया और गीदड़भभकी दी कि अगर मुस्लिम समुदाय के धैर्य की और परीक्षा ली गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इस तरह की गीदड़भभकी वे पहले भी देते रहे हैं।
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भड़काऊ भाषण
मौलाना रजा अक्सर अपने विवादास्पद और भड़काऊ भाषणों के लिए विवादों में रहते हैं। उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “हम 20 करोड़ या 30 करोड़ हैं – मैं इस पर बात नहीं करूंगा, लेकिन, अगर हममें से केवल 1 प्रतिशत लोग अपने घरों से बाहर निकलकर दिल्ली की ओर मार्च करें, और नरेंद्र मोदी के इस्तीफा देने तक वापस न लौटने या धरना समाप्त न करने की कसम खाएं, तो इसका क्या असर होगा।” उनकी बयानबाजी और भी तेज हो गई, जब उन्होंने भीड़ से सवाल किया, “क्या यह सही कदम नहीं होगा?”
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मुसलमानों को भड़काने का षड्यंत्र
तौकिर रजा यहीं नहीं रुके। रजा ने आगे एक भयावह तस्वीर पेश करते हुए कहा, “अगर एक हजार लोग भी आपको घेर लें, तो आप एक को पकड़ सकते हैं, लेकिन आत्मसमर्पण न करें। अगर आपको पीटा भी जाए, तो एक को पकड़ लें और तब तक पीटते रहें, जब तक कि वह मर न जाए।” उनके शब्दों पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिससे तालियां बजीं और चिंता भी हुई। रजा ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए दावा किया कि मुस्लिम समुदाय के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने कहा, “अगर हमारा धैर्य खत्म हो गया, तो परिणाम विनाशकारी होंगे।”
नरेंद्र मोदी पर ‘देश को बेचने’ का आरोप
रजा द्वारा लगाया गया सबसे चौंकाने वाला आरोप यह था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सक्रिय रूप से देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी सिर्फ मुसलमानों के दुश्मन नहीं हैं।” रजा ने अपने भड़काऊ भाषण में कहा, “वह हमारे देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने सब कुछ बेच दिया है और अब जब कुछ भी नहीं बचा है, तो उनकी नजरें वक्फ संपत्तियों पर टिकी हैं।
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सद्भाव के बारे में गंभीर चिंता
मोदी के प्रति हमारी नफरत मुसलमानों के प्रति उनकी दुश्मनी की वजह से नहीं है, बल्कि इसलिए है क्योंकि वह भारत को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहे हैं। कोई भी सच्चा मुसलमान उन्हें कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता।” हालांकि, मौलाना तौकीर रजा की टिप्पणियों की कुछ हलकों से तीखी आलोचना हुई है, जिसमें उन पर हिंसा और अशांति भड़काने का आरोप लगाया गया है।एक यूजर ने टिप्पणी की, “इस तरह की भड़काऊ टिप्पणियां तनाव को बढ़ाती हैं और सांप्रदायिक सद्भाव के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। क्या यह अशांति का आह्वान है?”
बहु तीन तलाक की शिकार
ध्यान देने वाली बात यह है कि जो मौलाना अपने परिवार को नहीं संभाल पाए वे मुसलमानों को भड़काकर देश में दंगा फसाद करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उनकी बहू निदा को उनके भतीजे ने तीन तलाक दे दिया था। फिलहाल निदा भाजपा में शामिल हैं और वे कई बार मौलाना तौकिर रजा की आलोचना कर चुकी हैं।
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तीन तलाक अच्छा कदम
निदा ने जोर देकर कहा कि तीन तलाक के खिलाफ भाजपा की लड़ाई ने उन्हें पार्टी के करीब ला दिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के अपराधीकरण ने मुस्लिम महिलाओं की तकलीफों को काफी हद तक कम कर दिया है। उन्होंने कहा, “पहले जब मैं एक संस्था चलाती थी, तो महिलाएं सप्ताह में तीन या चार बार वहां आती थीं और बताती थीं कि उनके पतियों ने उन्हें छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दे दिया है।”
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कांग्रेस पर कटाक्ष
निदा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी ने अभियान का नाम ‘लड़की हूं, लड़का सकती हूं’ दिया, लेकिन महिला सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया। यह कांग्रेस के अभियान का चेहरा प्रियंका मौर्य के भगवा खेमे में शामिल होने के बाद हुआ है। निदा, बरेली के आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खान के बेटे शीरान रजा खान की पूर्व पत्नी हैं। उस्मान रजा खान तौकीर रजा खान के बड़े भाई हैं। शीरान ने शादी के एक साल के भीतर ही निदा को तीन तलाक के जरिए तलाक दे दिया। लेकिन निदा इसके खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ी और एक कार्यकर्ता बन गईं।
विश्लेषकों का कहना है कि निदा खान को शामिल करने से भाजपा को विपक्ष के आक्रामक मुस्लिम आउटरीच को कम करने में मदद मिल सकती है।
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